Jharkhand: गीता कोड़ा तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है... BJP के गेम में फंस जाएगी चंपई सरकार?
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Jharkhand: गीता कोड़ा तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है... BJP के गेम में फंस जाएगी चंपई सरकार?

Jharkhand Politics: कयास लगाए जाने लगे हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के विधायकों में भी भगदड़ मच सकती है. इससे झारखंड की चंपई सरकार खतरे में पड़ सकती है. दरअसल, झारखंड में कांग्रेस के 17 विधायक हैं, जिनमें से दर्जन भर विधायक पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. 

गीता कोड़ा ने बीजेपी ज्वाइन की

Jharkhand Politics: झारखंड में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस अभी समाप्त नहीं हुआ है. लोकसभा चुनाव से पहले यहां बीजेपी ने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है. कांग्रेस की इकलौती सांसद गीता कोड़ा ने सोमवार (26 फरवरी) को बीजेपी का दामन थाम लिया. 2019 में आई मोदी लहर में भी कांग्रेस की लाज बचाने का काम किया था. उन्होंने सिंहभूम सीट से बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को 72,155 वोटों से हराया था. हालांकि, अब वह पीएम मोदी के 400 सीटों वाले लक्ष्य को पूरा करने में अपना सहयोग देंगी. इस तरह से लोकसभा में झारखंड से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है. वहीं राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस खेमे मची भगदड़ सिर्फ गीता कोड़ा पर समाप्त नहीं होगी. बीजेपी की नजर अब कांग्रेस विधायकों पर है. 

कयास लगाए जाने लगे हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के विधायकों में भी भगदड़ मच सकती है. इससे झारखंड की चंपई सरकार खतरे में पड़ सकती है. दरअसल, झारखंड में कांग्रेस के 17 विधायक हैं, जिनमें से दर्जन भर विधायक पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. अपना विरोध जताने के लिए ये विधायक दिल्ली तक पहुंच गए थे. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से नाराज विधायकों को आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ है. ऐसे में राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर अगले कुछ महीनों में कांग्रेस के कुछ विधायक भी बीजेपी का दामन थाम लें, तो कोई चौंकने वाली बात नहीं होगी.

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राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो चंपई सरकार गिर सकती है. बता दें कि फ्लोर टेस्ट के दौरान चंपई सोरन की सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखाया था. सरकार के पक्ष में कुल 47 वोट पड़े थे. वहीं, विपक्ष में 29 वोट पड़े थे. वहीं अगर कांग्रेस विधायकों ने पाला बदल लिया तो सरकार फिर से अल्पमत में आ जाएगी. वहीं दूसरी ओर इंडिया ब्लॉक के सामने अब सिंहभूम सीट को लेकर घमासान शुरू हो चुका है. कांग्रेस और झामुमो दोनों ही इस सीट पर अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता और झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने साफ कहा कि सिंहभूम सीट पर कांग्रेस का कब्जा था और आगे भी उनका ही दावा बनता है. वहीं झामुमो भी बीते 6 महीने से ही चाईबासा सीट पर अपना दावा ठोक रही है. दलील यह दी जा रही थी कि चाईबासा लोकसभा क्षेत्र की 5 विधानसभा सीटों पर झामुमो का कब्जा है, ऐसे में इस लोकसभा सीट पर उसका हक बनता है.

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