Lakhisarai News: लखीसराय जिले में एक सरकारी एंबुलेंस को धक्का देकर चालू किया जा रहा है. यह वीडियो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है और सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावों की सच्चाई सामने लाता है.
Trending Photos
लखीसराय: बिहार के लखीसराय जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सरकारी एंबुलेंस को धक्का देकर स्टार्ट किया जा रहा है. यह वीडियो न केवल स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावों की पोल भी खोलता है.
धक्का देकर चल रही है एंबुलेंस
जानकारी के अनुसार वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कुछ लोग एंबुलेंस को धक्का मारते हुए दौड़ रहे हैं. यह वही एंबुलेंस है, जो मरीजों को आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. मरीज की जान बचाने के लिए हर सेकंड कीमती होता है, लेकिन इस स्थिति में सवाल उठता है कि अगर एंबुलेंस इस तरह से चल रही है, तो आपात स्थिति में समय पर मदद कैसे मिलेगी.
जिम्मेदारी से बच रहे अधिकारी
बता दें कि जब इस मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. उनकी चुप्पी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. स्थानीय लोग इस स्थिति से नाराज हैं और प्रशासन से जल्द से जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं.
सरकार के दावे बन रहे खोखले
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावे करते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं उनके दावों की सच्चाई पर सवाल खड़े करती हैं. धक्का देकर चलने वाली एंबुलेंस इस बात का प्रमाण है कि स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जमीन पर बिल्कुल अलग है.
लोगों की नाराजगी
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी सेवाओं में सुधार के लिए केवल घोषणाओं से काम नहीं चलेगा. उन्होंने सरकार से अपील की है कि एंबुलेंस जैसी जरूरी सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए और इन्हें पूरी तरह से चालू हालत में रखा जाए. लखीसराय का यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. प्रशासन को इस पर तुरंत कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोगों को बेहतर और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.
इनपुट- राज किशोर
ये भी पढ़िए- दिसंबर में सियासी गर्मी... एक साल पहले आज के ही नीतीश कुमार ने लिया था बड़ा डिसीजन