Torpa Assembly Election: बिरसा मुंडा की धरती पर पलायन सबसे बड़ी समस्या, तोरपा में बीजेपी और जेएमएम के बीच मुकाबला
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Torpa Assembly Election: बिरसा मुंडा की धरती पर पलायन सबसे बड़ी समस्या, तोरपा में बीजेपी और जेएमएम के बीच मुकाबला

Torpa Assembly Election: झारखंड के 81 विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनाव में तोरपा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के एनडीए के बीच है. इस क्षेत्र में पलायन सबसे बड़ समस्या है.

तोरपा विधानसभा क्षेत्र

खूंटी: झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में तोरपा विधानसभा क्षेत्र को काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित किया गया है. खूंटी जिले में पड़ने वाले तोरपा विधानसभा सीट पर पहले चरण में 13 नवंबर को मतदान होने वाले है. ऐसे में सभी दलों ने इस सीट पर अपने चुनावी अभियान को तेज कर दिया है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच माना जा रहा है. एनडीए गठबंधन की तरफ से इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा विधायक कोचे मुंडा को उम्मीदवार बनाया है. वहीं इंडिया गठबंधन की तरफ से जेएमएम ने सुदीप गुरिया को टिकट दिया है. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद इस सीट पर दो बार बीजेपी और दो बार जेएमएम का कब्जा रहा है.

तोरपा विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पलायन का रहा है. रोजगार की कमी होने के कारण हर साल यहां से सैकड़ों युवा काम की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर जाते हैं. इसके अलावा तोरपा के लोगों को पड़ोसी राज्यों के ईंट भट्ठों में भी काम करते हुए पाया जाता है. इसके अलावा तोरपा में स्टेडियम और डिग्री कॉलेज भी आज तक नहीं बन पाया है. इस सीट पर जेएमएम औऱ बीजेपी के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है.

बिरसा मुंडा की धरती कही जाने वाली खूंटी जिले की तोरपा विधानसभा सीट पर 2019 के चुनाव की अगर बात करें तो इस यहां से बीजेपी के कोचे मुंडा ने जीत मिली थी. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुदीप गुरिया को 9,667 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं जेएमएम के टिकट पर लगातार 2 चुनाव जीतने वाले पौलुस सुरीन टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़े थे. पिछले चुनाव में तोरपा विधानसभा सीट पर कुल 8 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.

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वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो जेएमएम के पौलुस सुरीन ने इस सीट पर अपना परचम लहराया था. उन्होंने बीजेपी के कोचे मंडा को हराया था. इसके अलावा 2009 के विधानसभा चुनाव में पौलुस सुरीन ने कोचे मुंडा को बड़े अंतर से हराया है. लगातार दो बार जीत दर्ज करने के बाद भी 2019 के चुनाव में जेएमएम ने पौलुस सुरीन का टिकट का काट दिया था. जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा.

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