खरना के अगले दिन सायंकालीन अर्घ्य के लिए प्रसाद तैयार किए जाते हैं, जो कि शाम में अर्घ्य के दौरान घाट पर ले जाया जाता है. छठ के प्रसाद में ठेकुए की प्रधानता होती है.
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पटना: नहाय-खाय के साथ शुरू हुए छठ महापर्व (Chhath Puja 2019) का आज दूसरा दिन है. आज के दिन छठव्रती खरना मनाते हैं. इस दिन प्रसाद में गुड़ के खीर की प्रधानता होती है. खरना (Kharna) के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है. खरना शाम को मनाया जाएगा. खरना में अराधना के बाद छठव्रती गुड़ की खीर और रोटी प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.
खरना के अगले दिन सायंकालीन अर्घ्य के लिए प्रसाद तैयार किए जाते हैं, जो कि शाम में अर्घ्य के दौरान घाट पर ले जाया जाता है. छठ के प्रसाद में ठेकुए की प्रधानता होती है. छठ महापर्व में ठेकुए के बाद फल की प्रधानता होती है.
छठ महापर्व के तीसरे दिन यानी शनिवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं, उसके अगले दिन यानी रविवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व की समाप्ति होगी. छठ महापर्व को लेकर पूरे बिहार में उत्साह का माहौल है. सभी जिला प्रशासन के द्वारा तैयारी की जा रही है. पटना में गंगा नदी के तट पर 100 अधिक घाट बनाए गए हैं. छठ पर्व के दौरान गंगा नदी पर बने घाट की छटा देखते ही बनती है.
छठ महापर्व की तारीख:
नहाय खाय- 31 अक्टूबर (गुरुवार)
खरना- 1 नवंबर (शुक्रवार)
सायंकालीन अर्घ्य- 2 नवंबर (शनिवार)
प्रात:कालीन अर्घ्य- 3 नवंबर (रविवार)
पटना में छठ व्रतियों के लिए एक ऐप लॉन्च किया गया है. एप से व्रतियों और श्रद्धालुओं को कई सुविधाएं मिलेंगी. घाट से थाना की दूरी, बैंक, एटीएम, रेस्टोरेंट, मेडिसिन काउंटर, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड की दूरी बताया जाएगा. इस ऐप के माध्यस में कुल 16 प्रकार के फीचर बताए जाएंगे. पटना के जिला प्रसाशन के द्वारा यह ऐप तैयार करवाया गया है. व्रतियों के लिए परिवहन विभाग ने बस की विशेष सुविधा दी है.
22 घाट खतरनाक घोषित
पटना जिला प्रशासन ने पूरे पटना में 22 घाटों को खतरनाक घोषित किया है. पटना जिला प्रशासन ने पटना के छठ घाटों को दो जोन में बांटा है. पहली सूची में उन घाटों के बारे में बताया गया है, जहां पर छठ पूजा के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. वहीं, दूसरी सूची उन खतरनाक घाटों की है, जहां आज भी खतरा बना हुआ है. जिला प्रशासन ने पूरे पटना में 22 घाटों को खतरनाक घोषित किया है. सभी खतरनाक घाटों को लाल कपड़े से घेरकर प्रतिबंध लगा दिया गया है.