एक बार फिर जामताड़ा सुर्खियों में है और इस बार भी इसकी वजह साइबर क्राइम ही है. जामताड़ा के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पारटोल में साइबर अपराधियों का एक संगठित ग्रुप साइबर ठगी में जुटा था.
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जामताड़ाः जामताड़ा यह नाम विश्व पटल पर अपनी पहचान साइबर अपराध के तौर पर बना चुका है. जामताड़ा तब काफी सुर्खियों में आया जब यहां से साइबर क्राइम के जरिए लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ानेवाले कई गिरोह का खुलासा हुआ. जामताड़ा के साइबर क्राइम का जाल ऐसा की देश का कोई भी कोना इनके अपराध से अछूता नहीं था. इसपर बनी एक वेब सीरीज ने तो इसे पूरी दुनिया में सुर्खियों में ला दिया.
अब एक बार फिर जामताड़ा सुर्खियों में है और इस बार भी इसकी वजह साइबर क्राइम ही है. जामताड़ा के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पारटोल में साइबर अपराधियों का एक संगठित ग्रुप साइबर ठगी में जुटा था. इसको लेकर एसपी मनोज स्वर्गियारी को गुप्त सूचना मिली जिसके बाद एसपी ने साइबर सेल के डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम बनाकर छापेमारी करवाई.
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इस छापेमारी में पांच साइबर अपराधियों को साइबर अपराध करते रंगे हाथों पकड़ा गया. वहीं मौके से दो साइबर अपराधी भागने में सफल भी हो गए. जामताड़ा एसपी मनोज स्वर्गियारी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पारटोल में एक गिरोह है जिसने साइबर क्राइम का नया तरीका अपनाया है, जिसमें बिजली विभाग के कर्मचारी बनकर लोगों को बिजली काटने का मैसेज कर बहुत से ग्राहकों से ठगी किया गया है.
एसपी ने बताया कि इन साइबर अपराधियों के खिलाफ गुप्त सूचना मिली जिसके बाद करमाटांड़ थाना के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी की गई. जिसमें पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. इन लोगों के पास से 13 महंगे मोबाईल फोन, 18 फर्जी सिम कार्ड, आधार कार्ड, चेक बुक, एक लाख 25 हजार रुपए नगद बरामद हुआ है. सभी शातिर अपराधी हैं और पहले से भी यही काम करते रहे हैं. विभिन्न थानों में इनलोगों के विरुद्ध मामला भी दर्ज है.