Jharkhand High Court: झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति का मामला, हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए सचिव को दिया एक और मौका
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Jharkhand High Court: झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति का मामला, हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए सचिव को दिया एक और मौका

Jharkhand High Court: झारखंड विधानसभा में हुई अवैध नियुक्ति की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में एक और मौका देते हुए अगली सुनवाई के लिए 9 नवंबर की तारीख मुकर्रर कर दी है.

Jharkhand High Court: झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति का मामला, हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए सचिव को दिया एक और मौका

Jharkhand High Court: झारखंड विधानसभा में हुई अवैध नियुक्ति की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान विधानसभा की ओर से उपस्थित अधिवक्ता अनिल कुमार ने कोर्ट को बताया कि अवैध नियुक्तियों पर जस्टिस विक्रमादित्य कमेटी की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए एसजे मुखोपाध्याय कमेटी को पत्र लिखा गया है. कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद उसे अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. 

हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए सचिव को दिया एक और मौका
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने इस मामले में एक और मौका देते हुए अगली सुनवाई के लिए 9 नवंबर की तारीख मुकर्रर कर दी है. बता दें, इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने कहा था कि कोर्ट के तीन बार के आदेश के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं किया जाना कानूनी प्रक्रिया में व्यवधान का मामला बनता है. अदालत ने सात दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए कहा था कि ऐसा न होने पर विधानसभा के सचिव पर आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी. 

क्या है झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति का पूरा मामला
बता दें कि झारखंड विधानसभा में 150 से भी अधिक अवैध नियुक्तियों की जांच होने के बाद भी कार्रवाई न होने पर शिव शंकर शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2005 से 2007 के बीच विधानसभा में हुई नियुक्तियों में भारी गड़बड़ी हुई है. इस मामले की जांच के लिए जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद कमीशन (वन मेंबर कमीशन) बना था. कमीशन ने जांच कर वर्ष 2018 में राज्यपाल को रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. 

इनपुट-आईएएनएस

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