रांची हिंसा को लेकर मुस्लिम संगठन की हेमंत सरकार से मांग, कहा-दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो
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रांची हिंसा को लेकर मुस्लिम संगठन की हेमंत सरकार से मांग, कहा-दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो

जमीयत उलेमा झारखंड एवं अंजुमन इस्लामिया समेत अनेक मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करके 10 जून को रांची में हुई हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों के साथ पूरा न्याय करने का अनुरोध किया. 

 (फाइल फोटो)

Ranchi: जमीयत उलेमा झारखंड एवं अंजुमन इस्लामिया समेत अनेक मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करके 10 जून को रांची में हुई हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों के साथ पूरा न्याय करने का अनुरोध किया. 

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि जमीयत-उलेमा झारखंड, अंजुमन इस्लामियां, इमारत-ए-शरिया और एदार-ए-शरिया के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और 10 जून को रांची में हुई हिंसा और इससे जुड़े तथ्यों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. 

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि रांची समेत पूरे राज्य में अमन-चैन, शांति, सद्भाव, आपसी प्रेमभाव तथा भाईचारा बना रहे इसके लिए वे सरकार के साथ हर कदम पर खड़े हैं. उन्होंने कहा कि यहां सभी वर्ग और तबके के लोग हमेशा से ही आपसी प्रेमभाव और सद्भाव के साथ रहते आए हैं और इसमें किसी को खलल डालने नहीं दिया जाएगा. 

प्रतिनिधिमंडल में जमीयत-उलेमा के मुफ़्ती शहाबुद्दीन कासमी, मंजर खान एवं अन्य, अंजुमन इस्लामियां से अबरार अहमद इमारत-ए-शरिया से मुफ़्ती अनवर कासमी तथा एदार-ए-शरिया के मौलाना कुतुबुद्दीन रिज़वी, वरीय अधिवक्ता एम खान मुफ़्ती फैजुल्लाह मिस्बाही और एस अली शामिल थे. 

राज्यपाल ने किया था तलब

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया. उन्होंने जानना चाहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों या आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और प्रशासन एहतियाती कार्रवाई करने में नाकाम क्यों रहा. 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो निलंबित प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर शुक्रवार को हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद झारखंड की राजधानी में तनाव की स्थिति है. हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी और 24 से अधिक घायल हो गए थे. पुलिस महानिदेशक ने बैस को सूचित किया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राज्य की राजधानी में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल 150 लोगों के जुटने की उम्मीद थी. हालांकि, हिंसक विरोध में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया.

 

(इनपुट: भाषा)

 

 

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