Ratan Tata Demise: कुछ साल पहले ही रतन टाटा के स्वामित्व वाली टाटा संस ने कर्ज में डूबे भारत सरकार के एयलाइंस एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी और 68 साल बाद फिर से एयर इंडिया फिर से टाटा के हवाले हो गया था.
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Ratan Tata Demise: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है. लंबे समय से वे बीमार चल रहे थे. उन्होंने बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, श्री रतन टाटा के निधन से दुख हुआ. वह भारतीय उद्योग जगत के महान नायक थे. उन्होंने हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उनके अपनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. उनकी आत्मा को शांति मिले. रतन टाटा का झारखंड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर से भावनात्मक और व्यापारिक रिश्ता रहा है. कुछ साल पहले ही रतन टाटा के स्वामित्व वाली कंपनी ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था.
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आपने ध्यान दिया होगा कि जमशेदपुर को टाटानगर भी कहा जाता है. क्या आपको पता है कि जमशेदपुर को टाटानगर क्यों कहा जाता है. आपको बता दें कि रतन टाटा के पूर्वजों के चलते ही जमशेदपुर को टाटानगर कहते हैं.
जुलाइ 2020 में रतन टाटा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर जमशेदपुर की अपनी पहली यात्रा के बारे में बताया था. तब रतन टाटा के कॉलेज में छुट्टी थी और इसी बीच उन्हें जमशेदपुर जाने का मौका मिला. उन्होंने स्टील सिटी का भी भ्रमण किया था.
रतन टाटा लिखते हैं, मुझे याद है जब मैं पहली बार जमशेदपुर गया था. तब मेरे कॉलेज में छुट्टी थी. मिस्टर आरजी दा कोस्टा और जेडी चोकशी ने मुझे टेल्को प्लांट का दौरा करने और प्लांट के चारों ओर घूमने के लिए आमंत्रित किया था. यह टाटा स्टील कंपनी में काम शुरू करने से बहुत पहले की बात है.
1907 में जमशेदजी टाटा ने टाटानगर की स्थापना की थी और उनके सपने को आकार देते हुए उनके बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा ने पहले टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की स्थापना की थी. 1919 में भारत के गवर्नर जनरल वायरसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने जमशेदजी नौसेरवा जी टाटा के नाम पर जमशेदपुर और कालीमाटी स्टेशन का नाम टाटानगर कर दिया था.
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साकची गांव में टाटा कंपनी की नींव रखी गई थी और वहां से करीब 5 किलोमीटर दूरी से हावड़ा मुंबई रेलवे लाइन गुजरती थी. उस स्टेशन का नाम पहले कालीमाटी था. 1907 में कालीमाटी स्टेशन का नाम बदलकर टाटानगर स्टेशन कर दिया गया था.