धोनी के जीवन से जुड़ा है ये अजीब इतेफाक, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
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धोनी के जीवन से जुड़ा है ये अजीब इतेफाक, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट के जरिए धोनी ने दुनिया को बता दिया कि, अपने वह दोबारा नीली जर्सी में खेलते हुए नहीं दिखेंगे और इसी के साथ क्रिकेट में धोनी युग का अंत हो गया.

धोनी के जीवन से जुड़ा है ये अजीब इतेफाक, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान.

रांची: कहा जाता है कि, जिदंगी जहां से शुरू होती है, वहीं से खत्म भी होती है. कुछ ऐसा ही संयोग भारत और दुनिया के सफलतम कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के साथ भी हुआ. शनिवार को 'माही' ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक वीडियो और एक लाइन लिखकर अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को विराम दे दिया.

सोशल मीडिया (Social Media) पर लिखे एक पोस्ट के जरिए धोनी ने दुनिया को बता दिया कि, अपने वह दोबारा नीली जर्सी में खेलते हुए नहीं दिखेंगे और इसी के साथ क्रिकेट में धोनी युग का अंत हो गया. झारखंड जैसे छोटे राज्य से निकले एमएस धोनी ने बहुत ही कम समय में जो नाम देश और दुनिया में कमाई, वो शायद ही किसी के नसीब में हो. लेकिन इस दौरान माही के जीवन से अजीब इतेफाक भी जुड़ा है.

दरअसल, धोनी ने अपना आखिरी मैच बीते साल 9 जुलाई को इंग्लैंड में विश्व कप 2019 के दौरान न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. इस सेमीफाइनल मुकाबले में धोनी मार्टिन गुप्टिल के सीधे थ्रो के कारण रन आउट हो गए थे.

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यही धोनी का अखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच बना. इसके बाद, धोनी दोबार कोई मुकाबले भारत के लिए नहीं खेले.

वहीं, धोनी ने अपनी करियर के पहले मैच में भी रनआउट हुए थे. 23 दिसंबर 2004 को चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ अपने पहले वनडे मैच में भी धोनी, पहली ही गेंद पर रन आउट हो गए थे. हालांकि, इस करीबी मुकाबले में भारत को 11 रन से जीत मिली थी, जबकि धोनी के अखिरी मैच में टीम को हार मिली थी.

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हालांकि, धोनी ने सबको चौंकाते हुए अपने संन्यास का ऐलान किया और शायद माही इसीलिए जाने भी जाते हैं. अपने 16 वर्षों के इंटरनेशनल करियर में माही ने कई बार हैरान करने वाले फैसल लिए हैं. इसमें 2007 की टी-20 विश्व कप का फाइनल मैच, 2011 में 50 ओवर का फाइनल मैच, 2013 का आईसीसी चैंपियन ट्ऱॉफी का फाइनल, 2014 में टेस्ट से संन्यास और 2017 में छोटे फार्मैट में कप्तानी छोड़ने जैसे कई फैसले शामिल हैं.

धोनी ने दिसंबर 2005 में चेन्नई में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट करियर की शुरूआत की और भारत के लिए कुल 90 टेस्ट मैचों की 144 पारियों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए. टेस्ट में उनके नाम छह शतक और 33 अर्धशतक दर्ज है, इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 224 है.

वहीं, 23 दिसंबर 2004 को चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच में पदार्पण करने वाले धोनी ने 350 वनडे मैचों की 297 पारियों में 50.57 की औसत से 10773 रन बनाए हैं. इसमें उनके नाम 10 शतक और 73 अर्धशतक दर्ज हैं. वनडे में उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 183 हैं.

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दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धोनी ने एक दिसंबर 2006 को जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी 20 करियर की शुरूआत की थी. उन्होंने 98 टी 20 मैचों में 37.60 की औसत से 1617 रन बनाए हैं. इसमें उनके नाम दो अर्धशतक हैं. उनका सर्वोच्च स्कोर 56 हैं.

वहीं, धोनी का विकेट के पीछे भी रिकॉर्ड भी बहुत शानदार है. स्टंपिंग से लेकर कैच लेने तक धोनी शानदार रहे हैं. धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को आईसीसी (ICC) की तीनों ट्रॉफी जिताई, तो टेस्ट में नंबर एक और विदेशों में कई बड़ी टीमों को उनके घर में एकदिवसीय सीरीज में मात दी.

हालांकि, धोनी इस साल का आईपीएल (IPL) सीएसके (CSK) की तरफ से खेलेंगे. लेकिन जिस तरह की छाप धोनी ने, विश्व क्रिकेट में छोड़ी है, वह शायद ही कोई खिलाड़ी कर पाएगा.