धनबाद आग लगी स्वत: संज्ञान मामले पर झारखंड उच्च न्यायालय में आज सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ में ये सुनवाई हुई. जिसमें अदालत ने महाधिवक्ता से घटना के बारे में जानकारी ली.
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धनबादः धनबाद आग लगी स्वत: संज्ञान मामले पर झारखंड उच्च न्यायालय में आज सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ में ये सुनवाई हुई. जिसमें अदालत ने महाधिवक्ता से घटना के बारे में जानकारी ली. उनसे पूछा ये घटना कैसे घटी. महाधिवक्ता ने इस दौरान कोर्ट को बताया कि दिये से आग लगी थी.
17 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
वहीं महाधिवक्ता ने कोर्ट को सुचित किया कि उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन हुआ है जो आग लगने की वजह और इतने बड़े पैमाने पर हुए नुकसान की जांच करेगी. वहीं अदालत ने इस पूरे मामले में निर्देश दिए है कि पूरे राज्य भर की बिल्डिंगों का फायर ऑडिट हो. वहीं इस मामले में अगली सुनवाई से पहले राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश उच्च न्यायालय ने दिया है. अगली सुनवाई की तिथि कोर्ट ने 17 फरवरी तय की है.
मुख्यमंत्री ने किया मुआवजे का ऐलान
बता दें कि झारखंड सरकार ने बुधवार रात धनबाद में हुए अग्निकांड में पीड़ित मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को इस बारे में ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जानकारी देते हुए बताया कि 'धनबाद के आशीर्वाद अपार्टमेंट और विगत दिनों अन्य हादसे में मरने वाले लोगों के परिवारजनों को राज्य सरकार द्वारा ₹4 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया है. हादसे में घायल लोगों के समुचित इलाज एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भी जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है.'
बुधवार रात लगी थी आग
बता दें कि धनबाद के आशीर्वाद टावर में बुधवार को यानी 1 फरवरी को आग लगी थी. आग लगने के बाद इस टावर में कई तलों में लोग फंस गए थे. शुरुआत में 4 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. जिसके बाद देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और इस आग में 14 लोग जलकर राख हो गए और उनकी मौत हो गई. वहीं इस टॉवर में फंसे कई लोग घायल भी हो गए थे. आशीर्वाद टावर में आग इतनी भीषण थी कि इस आग को लोग दूर-दूर से भी देख रहे थे. स्थानीय लोगों के अनुसार आग ने काफी ज्यादा विकराल रूप ले लिया था और काफी घंटों की मशक्कत के बाद आग को फैलने से काबू पाया गया था.
इनपुट- मनीष मेहता
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