आईआईटी आईएसएम धनबाद का 42 वां दीक्षांत समारोह, कार्यक्रम में 1832 विद्यार्थियों को मिला प्रमाण पत्र
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आईआईटी आईएसएम धनबाद का 42 वां दीक्षांत समारोह, कार्यक्रम में 1832 विद्यार्थियों को मिला प्रमाण पत्र

देश के टॉप शिक्षण संस्थानों में शुमार आईआईटी आईएसएम धनबाद का 42वां दीक्षांत समारोह भव्य समारोह में सम्पन्न हुआ. समारोह में डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष और रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार सतीश रेड्डी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.

आईआईटी आईएसएम धनबाद का 42 वां दीक्षांत समारोह, कार्यक्रम में 1832 विद्यार्थियों को मिला प्रमाण पत्र

धनबाद: देश के टॉप शिक्षण संस्थानों में शुमार आईआईटी आईएसएम धनबाद का 42वां दीक्षांत समारोह भव्य समारोह में सम्पन्न हुआ. समारोह में डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष और रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार सतीश रेड्डी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. कार्यक्रम में कुल 1832 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और पदक दिए गए. 

छात्र-छात्राओं के लिए हुआ ड्रेस कोड जारी
जानकारी के मुताबिक छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस कोड भी जारी कर दिया गया था. डिग्री पाने वालों में पीएचडी, बीई, बीटेक, ड्यूल डिग्री, एमटेक, एमबीए और एमएससी के छात्र शामिल हैं. दीक्षांत सत्र के दौरान एक छात्र को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल और 54 छात्रों को इंस्टीट्यूट गोल्ड मेडल दिया गया. इसके अलावा 11 छात्रों को सिल्वर मेडल दिया गया. साथ ही 18 छात्रों को स्पांसर मेडल और तीन विद्यार्थियों को पीएचडी थीसिस अवार्ड से नवाजा गया. निदेशक प्रो. राजीव शेखर संस्थान से जुड़े विभिन्न अकादमिक और प्रशासनिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया और दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने वाले छात्रों को बेहतर भविष्य के लिये शुभकामनाएं दी. छात्र -छात्राएं भी डिग्री लेकर बेहद प्रफुल्लित नजर आए.

'भविष्य में इनोवेशन पर दें ध्यान' 
वहीं छात्रों को सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और पूर्व डीआरडीओ चेयरमैन सतीश रेड्डी ने छात्रों से आह्वान किया कि भविष्य में इनोवेशन पर ध्यान दें. स्पेस साइंस, रॉकेट टेक्नोलॉजी, रक्षा टेक्नोलॉजी आदि विषयों पर शोध करें. ताकि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को साकार किया जा सके. हम रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बने, तभी सुपर पावर बन सकेंगे. भारत सुपरसोनिक मिसाइल, डेवलप करने की दिशा में काम कर रहा है. स्वदेशी प्रक्षेपण यान से पृथ्वी से 36 हजार किमी दूर अंतरिक्ष में उपग्रह स्थापित करने में सफल हुआ है. दुनिया का सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट आईआईटी के छात्रों के द्वारा ही तैनात किया गया है. ये कुछ उदाहरण है जो आपको देश के लिए इनोवेशन के लिए प्रेरणा का काम करेगी. 
इनपुट- नितेश कुमार मिश्रा

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