Chhath Puja 2022: बिहार और नेपाल बॉर्डर के बीच झीम नदी दो देशों के लोगों को जोड़ने का काम करती है. वहीं, छठ पूजा का त्योहार भी दोनों देश के लोग मिलकर मनाते दिखाई देते हैं.
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Chhath Puja 2022: बिहार में छठ पूजा का बहुत महत्व है. छठ को लेकर राज्य में चारों तरफ तैयारियां देखने को मिल रही हैं. इसके अलावा इस दौरान कई अनोखी कहानियां भी देखने को मिल रही हैं. बिहार और नेपाल बॉर्डर के बीच झीम नदी दो देशों के लोगों को जोड़ने का काम करती है. वहीं, छठ पूजा का त्योहार भी दोनों देश के लोग मिलकर मनाते दिखाई देते हैं. आइये जानते हैं, दोनों देश के लोग किस प्रकार से छठ पूजा का त्योहार एक साथ मनाते हैं.
भारत नेपाल बॉर्डर पर स्थित है झीम नदी
सीतामढ़ी में भारत और नेपाल के बॉर्डर पर स्थित झीम नदी है. छठ की पूजा वाले दिन यहां पर एक तरफ भारतीय लोग बैठते हैं तो वहीं, दूसरी ओर नेपाल के लोग बैठते हैं. बताया जाता है कि छठ के इस त्योहार में दोनों देशों के लोगों के बीच छठ के गीत भी एक समान होते हैं. साथ ही सभी लोग मिलकर इन गीतों को गाते दिखाई देते हैं. सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड के पास से झीम नदी निकलती है. जिसके कारण नदी के घाट के दोनों तरफ नेपाल और भारत के लोग छठ के पर्व वाले दिन अर्घ्य देते हुए नजर आते हैं.
दोनों देशों में हो रही हैं छठ की तैयारियां
छठ का त्योहार आज 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. जिसको लेकर बिहार समेत नेपाल में भी इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. दोनों देशों के नदी के किनारों पर तैयारियां की जा रही हैं. लोगों के अनुसार सालों से झीम नदी में भारत और नेपाल के लोग छठ का त्योहार मना रहे हैं. दोनों देशों के लोग छठ के व्रत को मनाते आ रहे हैं. नेपाल और भारत के लोग एक साथ सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हुए दिखाई देते हैं और बताया जाता है कि यह परंपरा सालों से चली आ रही है.
हजारों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
छठ के त्योहार को लेकर नदी के घाट की सफाई पिछले कुछ दिनों से चल रही है. इसके अलावा घाट को भी सजाया जा रहा है. दोनों देशों के श्रद्धालु मिलकर काम कर रहे हैं. वहीं, छठ पूजा के दिन हजारों की संख्या में लोग झीम नदी में अर्घ्य देने पहुंचते हैं.