कांग्रेस नेता आलोक दुबे और शमशेर आलम ने कहा कि 5000 करोड़ डीवीसी का बकाया होने के कारण बिजली कटौती की जा रही है. जबकि कई कंपनियों के कई हजारों करोड़ रुपए बाकी होने के बावजूद भी सरकार उन्हें बिजली उपलब्ध करा रही है.
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रांची: झारखंड में बिजली संकट ने परेशानी खड़ी कर दी है. प्रदेश के कई इलाकों में 18 घंटे की लोड शेडिंग की जा रही है. ऐसी स्थिति 10 मार्च यानी होली के दिन से ही जारी है. मिली जानकारी के अनुसार, इस वजह से राज्य के सात जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह और धनबाद के अलावा पूर्वी सिंहभूम का मुसाबनी इलाका भी खासा प्रभावित है.
अब इस मामले पर राज्य सरकार सख्त हो रही है. देखा जाए तो इस पर सियासत भी होने लगी है. झारखंड में बिजली कटौती के बाद आपूर्ति बाधित होने को लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नेताओं ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया.
कांग्रेस नेता आलोक दुबे और शमशेर आलम ने कहा कि 5000 करोड़ डीवीसी का बकाया होने के कारण बिजली कटौती की जा रही है. जबकि कई कंपनियों के कई हजारों करोड़ रुपए बाकी होने के बावजूद भी सरकार उन्हें बिजली उपलब्ध करा रही है.
इसको लेकर कांग्रेस नेताओ ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि यह बकाया पिछले 5 साल की सरकार के समय से है. जब डबल इंजन की सरकार थी, तब का बकाया है. हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह इसका भुगतान करे.
उन्होंने कहा कि केंद्र के इशारे पर ही बिजली की कटौती की जा रही है और झारखंड की जनता को परेशान किया जा रहा है. डीवीसी से मांग करते हैं कि राज्य की जनता को बिजली उपलब्ध कराए. लोड सेटिंग को खत्म करे. क्योंकि डीवीसी केंद्र सरकार के अधीन आती है, इसलिए उसपर दबाव बनाया जा रहा है.