झारखंड के मंगल चंडी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित,प्रसाद भी नहीं खाती महिलाएं
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झारखंड के मंगल चंडी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित,प्रसाद भी नहीं खाती महिलाएं

मंदिर की खास बात ये है कि यहां बकरे की बलि भी दी जाती है, जिसे प्रसाद के तौर पर महिलाओं को दिया जाता है. लेकिन महिलाएं इस प्रसाद का सेवन नहीं कर सकती.

इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने आते हैं.

बोकारो: झारखंड के बोकारो में एक ऐसा मंदिर है जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. यह मंदिर बोकारो मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर कसमार प्रखंड में स्थित है, जो मां मंगल चंडी के नाम से प्रचलित है. यहां महिलाएं मंदिर से करीब 100 डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर ही रहकर पूजा पाठ करती हैं और प्रसाद चढ़ाने के लिए पुजारी को दूर से प्रसाद देती हैं. 

मंदिर में दी जाती है बकरे की बलि, प्रसाद नहीं खाती महिलाएं
मंदिर की खास बात ये है कि यहां बकरे की बलि भी दी जाती है, जिसे प्रसाद के तौर पर महिलाओं को दिया जाता है. लेकिन महिलाएं इस प्रसाद का सेवन नहीं कर सकती बल्कि प्रसाद के तौर पर जो फल, लड्डू चढ़ाए जाते हैं महिलाएं उसी का सेवन करती हैं.

दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालु
इस मंदिर में बिहार, बंगाल और झारखंड से दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने आते हैं. मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु दोबारा इस मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की मानें तो काफी समय से ये परंपरा चली आ रही है, जहां महिलाएं इस मंदिर में प्रवेश नहीं करती है. श्रद्धालुओं का कहना है कि मां मंगला चंडी को उन्होंने कभी नहीं देखा लेकिन मन ही मन दूर से ही पूजा पाठ करती हैं. 

सालों से चली आ रही परंपरा
पुजारी की मानें तो यह परंपरा सालों से चली आ रही है. मंदिर में पुरुष श्रद्धालु पूजा पाठ कर सकते हैं लेकिन महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. करीब 100 से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर महिलाएं बैठकर आराधना करती हैं. जिसके लिए स्थान चिन्हित कर दिया गया है.

मंदिर में प्रवेश करने पर महिला श्रद्धालु हो गई थी पागल
कहा जाता है कि एक बार एक महिला ने मंदिर के अंदर प्रवेश कर पूजा की थी, जिसके बाद वो पागल हो गई थी और कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गई थी. तभी से मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित माना जाता है. इस मंदिर में हर मंगलवार को पूजा-पाठ होती है, जिसमें कापी संख्या में पुरुष और महिला श्रद्धालु शामिल होते हैं.

(इनपुट-मृत्युंजय मिश्रा)

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