जून 2022 तक सार्वजनिक क्षेत्र के डीजल बसों से मुक्त हो जाएगा पटना, सीएनजी बसें लेंगी जगह
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जून 2022 तक सार्वजनिक क्षेत्र के डीजल बसों से मुक्त हो जाएगा पटना, सीएनजी बसें लेंगी जगह

पटना में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि जून 2020 तक डीजल से चलने वाली सार्वजनिक गाड़ियों को बंद कर दिया जाएगा. वहीं सरकार ने सीएनजी गाड़ियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है.

जून 2022 तक सार्वजनिक क्षेत्र के डीजल बसों से मुक्त हो जाएगा पटना, सीएनजी बसें लेंगी जगह

Patna: राजधानी पटना की हवा को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य से पटना परिवहन विभाग ने डीजल बसों को पूर्णतः बंद करने का फैसला किया है. डीजल बसों के स्थान पर CNG बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा. सरकार ने यह फैसला शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण ( Air Pollution) के मद्देनजर लिया है.

सीएनजी गाड़ियों की खरीद पर सरकार देगी सब्सिडी
पटना में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि जून 2020 तक डीजल से चलने वाली सार्वजनिक गाड़ियों को बंद कर दिया जाएगा. वहीं सरकार ने सीएनजी गाड़ियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया है. 

वायु प्रदूषण के मामले में पटना दिल्ली के बराबर
पटना में वायु प्रदूषण का स्तर 300 से 400 के बीच है. यह आंकड़ा पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से तय मापदंडों के मुताबिक बेहद खराब है. स्वास्थ्य के लिहाज से सांस लेना भी खतरनाक माना जा सकता है. बिहार सरकार (Bihar Government) को भी इस बात का अंदाजा है. वहीं बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने अपनी तरफ से जो भी जानकारी जुटायी है उसमें ये पाया गया है कि वायु प्रदूषण का सबसे बड़े कारक डीजल और पेट्रोल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं हैं. इसलिए पटना की सड़कों से सार्वजनिक परिवहन के तहत डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को हटाने का काम चल रहा है.

पटना की हवा अब सांस लेने के लायक नहीं
पटना के लोग भी परिवहन निगम के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. लोगों के मुताबिक पटना की हवा अब सांस लेने के लायक नहीं है. बता दें कि पटना की आबादी जितनी तेजी से बढ़ रही है उस हिसाब से सीएनजी बसों या कारों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि सीएनजी बसों, कारों की संख्या में इजाफा किया जाए. ताकि लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें.

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