नल जल योजना: दलित बस्ती में नहीं है पीने का पानी, घण्टों करना पड़ता है ट्रेन का इंतज़ार, तब बुझती है प्यास
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नल जल योजना: दलित बस्ती में नहीं है पीने का पानी, घण्टों करना पड़ता है ट्रेन का इंतज़ार, तब बुझती है प्यास

नल जल योजना:  बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही नल जल योजना अपने सभी दावों को खोखला साबित करती है.

(फाइल फोटो)

Kaimur: नल जल योजना:  बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही नल जल योजना अपने सभी दावों को खोखला साबित करती है. कैमूर जिले के मोहनिया शहर वार्ड नंबर 2 रसूलपुर कर्महरी के इलाके में सरकार ने दावा किया कि नल जल योजना के तहत लोगों के घरों तक नल के माध्यम से जल पहुंचाया जाएगा.  इस योजना के तहत लोगों के घरों में नल लग चुके हैं लेकिन उन नलों में अभी तक पानी की व्यवस्था नहीं की गई है. जानकारी के मुताबिक नल जल योजना की शुरूआत होने से लोगों के द्वारा बोरिंग से मोटर भी निकाल ली गई. 

चापाकल से आता है गंदा पानी
कैमूर जिले के मोहनिया शहर वार्ड नंबर 2 रसूलपुर कर्महरी के इलाके में रसूलपुर करमहरी दलित बस्ती में 16 सौ से ज्यादा की जनसंख्या रहती है.  जिसमें कई परिवारों के पास पेयजल के लिए चापाकल और समरसेबल खुद का है. वहीं, कई परिवार ऐसे भी हैं जो सरकार के सिस्टम पर ही पेय जल पर निर्भर हैं.  गर्मी में पानी का लेवल घटने से कई चापाकल खराब हो गया और कई गंदा पानी देने लगते हैं. बिहार सरकार के द्वारा चलाई जा रही नल जल योजना का लाभी न मिलने के कारण लोग पेयजल के लिए घंटों रेलवे की आस में इस भीषण गर्मी में इंतजार करते हैं.  

सरकारी चापाकल पड़े हैं खराब
वहीं वार्ड नंबर 2 के रमेश कुमार बताते हैं कि यहां पर लगभग 1700 लोगों का बस्ती है. कई लोगों के घरों में नल जल योजना लगी हुई है लेकिन सब विफल है.  जब सरकार के पहल पर नल जल योजना यहां लगी तो मोटर खराब हो गई थी.जिसके बाद ग्रामीणों ने चंदा करके भी उसे बनाने का कोशिश की लेकिन वह वापस से ठीक नहीं हो पाई. ग्रामीण चिलचिलाती धूप में खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करते हैं जब ट्रेन आती है तो सभी लोग पानी लेने जाते हैं. साथ ही कभी कभी ऐसा भी होता है कि ट्रेन नहीं आती है जिसके बाद आस-पास के लोगों से पानी मांग कर या फिर खरीद कर काम चलाया जाता है. सरकारी चापाकल अक्सर खराब पड़े रहते है. यदि सरकारी चापाकल ठीक रहता है तो उसमें से गंदा पानी आता है. जिसके कारण ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही ज्यादातक ग्रामीण रेलवे के पानी पर निर्भर हैं. 

5 करोड़ की नल जल योजना
वही नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि शिवजी बताते हैं कि मोहनिया शहर में लगभग ₹5 करोड़ की नल जल की योजना थी. जिसमें 16 वार्डों में नल जल के माध्यम से लोगों को पानी पहुंचाना था.  अधिकारियों की कमी के कारण सभी वार्डों में नल जल पूरी तरह से पानी नहीं दे पा रहा है. इस संबंध में जिला अधिकारी से लेकर प्रधान सचिव तक शिकायत की जा चुकी है,लेकिन किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है.  उन्होंने आगे कही कि नगर पंचायत में अधिकारी मुलाकात के बाद ग्रामीणों को जल्द से जल्द योजना के तहत पानी दिया जाएगा.  

16 वार्ड में 21 योजनाएं
वही नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी का कहना है कि मोहनिया नगर पंचायत में 16 वार्ड हैं जिसमें 21 योजनाओं के तहत नल जल योजना का कार्य किया गया है. जिसमें 8 वार्डों में लगभग नल जल योजना चालू है और कहीं मोटर खराब या पाइप फट जाने और वाटर लेवल कम हो जाने की वजह से बंद है. जिसे जल्द से जल्द ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. जहां पाइप फट गए हैं उनको भी दुरुस्त किया जा रहा है. जहां की मोटर जली हैं उनको भी ठीक करवाया जा रहा है. लगभग 1 सप्ताह के अंतराल में सभी लोगों सभी को नल से जल मिलने लगेगा.

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