पीडीएस सिस्टम की बड़ी लापरवाही, मृतकों के नाम पर हो रहा राशन का उठाव
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पीडीएस सिस्टम की बड़ी लापरवाही, मृतकों के नाम पर हो रहा राशन का उठाव

बहादुरगंज प्रखंड में पीडीएस में गड़बड़ी को लेकर पूर्व विधायक तौसीफ आलम कहते हैं कि अपात्रों और मृतकों का नाम पात्रता सूची से बाहर करने के लिए डोर टू डोर विभाग द्वारा सर्वे के बाद भी मुर्दे राशन के लिए लाइन लगा रहे हैं. पूर्व विधायक ने बहादुरगंज प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके इशारे पर ही डीलर अनाज चोरी करते हैं.

पीडीएस सिस्टम की बड़ी लापरवाही, मृतकों के नाम पर हो रहा राशन का उठाव

किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड में पीडीएस सिस्टम में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां के समेश्वर पंचायत में मुर्दे भी सरकारी अनाज का लाभ उठा रहे हैं और ऐसा वहां के सरकारी दस्तावेज बता रहे हैं. पीडीएस सिस्टम की लापरवाही की वजह से मुर्दे एक दो साल से नहीं, बल्कि पिछले आठ सालों से सैकड़ों क्विंटल सरकारी अनाज चट कर चुके हैं. 

सिस्टम की लापरवाही से मुर्दे उठा रहे अनाज 
समेश्वर पंचायत की रहने वाली चिंता देवी नरेश लाल की दूसरी पत्नी हैं. नरेश लाल की पहली पत्नी राधा देवी की मौत साल 2011 में ही हो गई थी. साथ ही चिंता देवी के पति नरेश लाल की भी मौत साल 2011 में ही हो चुकी है. साल 2011 से पहले चिंता देवी के परिवार में उसके पति और सौतन समेत कुल छह लोगों  का नाम राशन कार्ड में दर्ज था. वहीं वर्ष 2014 में जारी राशन कार्ड और पीडीएस डीलर के राशन वितरण रजिस्टर में दोनों लोगों को जिंदा दर्शाया गया है. डीलर प्रतिमाह बाकायदा इनके नाम से राशन बांटता है और रजिस्टर में सारे रिकॉर्ड भी दर्ज करता है. लेकिन पीड़ित परिवार को मात्र चार सदस्यों के नाम पर ही राशन मिलता आ रहा है. राशन कार्ड राधा देवी और उसके पति के नाम से निर्गत किया गया था. दोनो की मौत होने के बाद भी उनका नाम राशन कार्ड से हटाया नहीं गया, उन दोनों के नाम से राशन का उठाव तो होता है लेकिन चिंता देवी को मात्र चार ही सदस्यों के नाम का राशन मिलता है. मतलब ये कि चिंता देवी के परिवार के दो मृत सदस्यों के नाम पर अब भी राशन का उठाव होता है और उन दो लोगों के नाम का राशन डीलर खुद ही रख लेता है. 

मुर्दे लगा रहे राशन के लिए लाइन 
वहीं बहादुरगंज प्रखंड में पीडीएस में गड़बड़ी को लेकर पूर्व विधायक तौसीफ आलम कहते हैं कि अपात्रों और मृतकों का नाम पात्रता सूची से बाहर करने के लिए डोर टू डोर विभाग द्वारा सर्वे के बाद भी मुर्दे राशन के लिए लाइन लगा रहे हैं. पूर्व विधायक ने बहादुरगंज प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके इशारे पर ही डीलर अनाज चोरी करते हैं और आपस में पैसे का बंदरबांट करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर सही से जांच किया जाय तो सैकड़ों मामले उजागर होंगे और साथ ही उन्होंने डीलर और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी पर कार्रवाई कर प्राथमिकी दर्ज करने का मांग की.

पीडीएस डीलर ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
जब इस मामले को लेकर पीडीएस डीलर से संपर्क किया गया तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. साथ ही उन्होंने सारा ठिकरा आपूर्ति विभाग पर ही फोड़ दिया. डीलर का कहना है कि दोनों मृतकों का नाम राशन कार्ड से डिलीट करने को लेकर विभाग को आवेदन दिया गया था, लेकिन नाम नहीं हटाया गया.

एसडीएम ने दिया जांच कर कार्रवाई का आदेश
जब पीडीएस में गड़बड़ी को लेकर एसडीएम से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बहादुरगंज के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. साथ ही जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का भी आदेश दिया. मृतकों का नाम राशन कार्ड से हटाने और योग्य लाभुकों का नाम राशनकार्ड में जोड़ने का निर्देश दिया. 

8 साल तक मृतकों के नाम राशन कार्ड से नहीं हटाया जाना गंभीर मामला 
राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से प्रतिवर्ष पीडीएस दुकानदारों को मृत व्यक्तियों का नाम राशन कार्ड से हटाने और योग्य लाभुकों का नाम राशनकार्ड में जोड़ने के लिये लगातार निर्देशित किया जाता रहा है. लेकिन उसके बाद भी मृतकों का नाम राशनकार्ड से नहीं हटाया जाना प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और कर्मियों की लापरवाही को दर्शाता है. ऐसे में, देखने की ये बात है कि मुर्दे के नाम पर वर्षों से अनाज पचा रहे डीलर पर एसडीएम क्या कार्रवाई करते हैं. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों के आरोपों पर गौर करते हुए अगर पूरे जिले में सही से जांच किया जाय तो दर्जनों मामले प्रकाश में आ सकते हैं. जहां आज भी पीडीएस दुकान में मुर्दा जिंदा है और अनाज का उठाव कर रहा है.

(इनपुट-अमित सिंह)

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