बिहार: दरभंगा में मोहल्लेवालों का तालिबानी फैसला, मां को दी बेटों की करतूत की सजा
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बिहार: दरभंगा में मोहल्लेवालों का तालिबानी फैसला, मां को दी बेटों की करतूत की सजा

Talibani Decision: हैरानी की बात ये है कि जब पूरा वाक्या हो रहा था तो उस दौरान वहां भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी थी. लेकिन सभी मूकदर्शक बन खड़े थे. 

वहां मौजूद लोग मोबाइल से महिला का वीडियो बनाते रहे

दरभंगा: Talibani Decision: बिहार के दरभंगा में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के चूनाभट्ठी वार्ड नंबर-14 में एक महिला को उसके दो बेटों की करतूत की सजा भुगतनी पड़ी. मोहल्ले के लोगों ने उसे पकड़ लिया और बिजली के पोल से घंटों बांधकर धूप में खड़ा रखा. उसके बाद उसे सड़क पर घुमाकर अपमानित किया. हैरानी की बात ये है कि जब पूरा वाक्या हो रहा था तो उस दौरान वहां भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी थी. लेकिन सभी मूकदर्शक बन खड़े थे. 

मोबाइल से वीडियो बनाते रहे लोग
इतना ही नहीं, वहा मौजूद लोग मोबाइल से महिला का वीडियो बनाते रहे और रामनवमी के दिन चाकू से हमला करने वाले आरोपी फरार दोनों भाई को बुलाने की मांग करते रहे. लेकिन किसी ने उसे (महिला) छुड़ाने की कोशिश नहीं की. बाद में घटनास्थल पर पहुंची विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने महिला को छुड़ाया और उसे सुरक्षित थाने ले गई.

महिला को मिली तालिबानी सजा
दरअसल, महिला के दो बेटों सुभाष साह और विशाल साह पर आरोप है कि उन्होंने मोहल्ले के ही एक व्यक्ति गणेश साह को रामनवमी के दौरान डायगर (एक स्थानीय हथियार) से पीट-पीट कर बेहोश कर दिया था. डीएमसीएच में गंभीर हालत में उसका इलाज कराया गया था. पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ रही थी, इसी से नाराज लोगों ने उनकी मां को पकड़ कर तालिबानी सजा दे डाली.

आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही थी पुलिस
स्थानीय गणेश साह ने बताया कि रामनवमी के दिन महिला के बेटे ने उनके साथ मारपीट की थी. उन्हें इतना पीटा था कि वे बेहोश हो गए. उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है इसलिए मोहल्ले और समाज के लोगों ने इस महिला को पकड़ कर रखा है. उन्होंने कहा कि महिला को पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा. हालांकि, दरभंगा पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है.

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