Agneepath Scheme Protest:अग्निपथ योजना पर 'सुलग' रहा बिहार, क्यों हो रहा विवाद और छात्रों की क्या है नाराजगी
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Agneepath Scheme Protest:अग्निपथ योजना पर 'सुलग' रहा बिहार, क्यों हो रहा विवाद और छात्रों की क्या है नाराजगी

Agneepath Scheme Protest:बिहार का भविष्य सड़कों पर उतरकर सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहा है. योजना से नाराज होकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने गुरुवार को ट्रेन, बसों, दुकानों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी.

 

Agneepath Scheme Protest:अग्निपथ योजना पर 'सुलग' रहा बिहार, क्यों हो रहा विवाद और छात्रों की क्या है नाराजगी

पटना: Agneepath Scheme Protest:देश की युवा शक्ति को 'अग्निवीर' के रूप में मां भारती की सेवा का अवसर प्रदान करने जा रही 'अग्निपथ योजना' भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय का सृजन करेगी. दरअसल, इस विचार धारा पर तैयार अग्निपथ योजना आज बिहार को सुलगाने का कार्य कर रही है. बिहार का भविष्य सड़कों पर उतरकर सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की इस योजना में ही झोल है. सिर्फ चार साल बाद रिटायरमेंट दे दी जाएगी. आगे फिर हम क्या करेंगे. सोचिए 18 से 22 साल के 75% बच्चे 22-26 साल की उम्र में बेरोजगार हो जाएंगे. युवाओं में नाराजगी के कारण राज्य के अलग-अलग जिलों में योजना का विरोध किया जा रहा है और सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की जा रही है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई जगहों पर बसों में तोड़फोड़ की तो कई स्थानों पर रेल की बोगियों में आग लगा दी गई.
बिहार को सुलगाने का कार्य कर रही सरकार की योजना
राज्य में चारों तरफ प्रदर्शनकारी छात्रों ने सड़क पर उतर जमकर बवाल मचाना शुरू कर दिया है. सरकार की योजना से नाराज होकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने गुरुवार को ट्रेन, बसों, दुकानों में तोड़फोड़ की. छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात की गई है. बिहार के छपरा, आरा,सहरसा, सीतामढ़ी, बेगूसराय में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. तो वहीं, नवादा में उपद्रवियों ने बीजेपी ऑफिस पर हमला कर दिया. पूरे कार्यालय में तोड़फोड़ करते हुए आग के हवाले कर दिया. हालांकि, हमला करने के बाद सभी उपद्रवी फरार हो गए.

अग्निपथ पर क्यों हो रहा विवाद और युवाओं की क्या है मांग
बिहार के युवा मनोज कुमार ने बताया कि "दो साल पहले मेडिकल और फिजिकल क्वॉलीफाई कर चुके हैं. एग्जाम को पेंडिंग में डाल रखा है. दो-तीन बार एडमिट कार्ड जारी हो चुका है, उसके बाद अब एग्जाम रद्द करके चार साल की बहाली ला रहे हैं. पेंशन वगैरह सब बंद कर देंगे जबकि एक नेता तीन पेंशन लेता है. युवाओं की मांग है कि केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' को वापस लिया जाना चाहिए. उनका कहना है कि इस योजना से देश सेवा का जज़्बा पाले युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. युवाओं का कहना है कि सेना में यदि इस तरह संविदा आधार पर भर्ती की जाएगी तो इससे देश की रक्षा के साथ भी खिलवाड़ होगा.

35 से 40 हजार की नौकरी में कैसे संवरेगा भविष्य
जानकारी के अनुसार बता दें 35 से 40 हजार के लिए सेना में भर्ती होने वाले लड़के कौन है. यह किसी बड़े घर के लड़के नहीं होते हैं. यह किसान या गरीब के बेटे होते हैं, जिनपर बहनों की शादियों से लेकर बूढ़े मां-बाप की देखभाल और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है. क्या ये लोग चार साल में बहन की शादी के लिए रुपये या बूढ़े मां-बाप की देख भाल कर पाएंगे. ये चार साल जीवन भर की जरूरत पूरी नहीं कर पाएंगे. बिहार के छात्रों को मोदी सरकार की अग्‍न‍िपथ योजना ( Agneepath Scheme)बिल्कुल पसंद नहीं आई. छात्र इसे जले पर नमक बता रहे हैं.

छह महीने में कैसे तैयार होंगे अग्रिवीर
बिहार के पटना निवासी सेना से सेवानृवित महेश कुमार ने जी बिहार झारखंड से बातचीत में बताया कि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि छह महीने में अग्रिवीर कैसे तैयर होंगे. आर्मी में एक बेहतर जवान को तैयार होने में 6 से 7 साल लग जाते हैं. इसके साथ ही अग्निवीर जवानों को हमेशा अपने परिवार की चिंता लगी रहेगी. वह किसी तरह अपना तीन से चार साल पूरा कर सेना से निकलने की फिराक में रहेंगे. जरूरी है कि सरकार को अग्निपथ योजना में बदलवा कर करीब 18 साल कर देनी चाहिए. अगर इस बात पर सरकार पहले ही विचार कर लेती तो बिहार का भविष्य सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन नहीं करता. जो हो रहा है वो गलत हो रहा है सरकार को छात्र की बात मान लेनी चाहिए. 

पूर्व सैनिक भी कर रहे हैं विरोध
जानकारी के लिए बता दें कि सरकार की 'अग्निपथ योजना' का बिहार के छात्र की नहीं, बल्कि सेना के पूर्व सैनिक भी इस योजना का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि फौजियों के साथ चार साल वाला प्रयोग करना ठीक नहीं है. अगर सैनिकों को ठीक से ट्रेनिंग नहीं मिलेगी तो सेना कमजोर पड़ेगी. अगर सेना कमजोर होना शुरू हुई तो देश की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो जाएगी. देश के लिए जरूरी है कि इस योजना में सैनिकों की समय सीमा बढ़ाने की जरूरत है. चार साल में कोई फौजी नहीं बनता है सरकार को समझना होगा.

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