Flood In Bihar: बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. बेगूसराय में बाढ़ का खतरा लगातार देखने को मिल रहा है. बाढ़ की स्थिति बेगूसराय में भयावह हो चुकी है. पूरी तरह से घर में पानी प्रवेश कर चुका है, लोग छत पर रहने को मजबूर हैं.
Bihar Flood: बिहार में मानसून सक्रिय है. जिसके चलते लगातार बारिश का सिलसिला जारी है. इस बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से तो राहत मिल गई है लेकिन इस बारिश से बाढ़ का खतरा अब बिहारवासियों पर मंडराने लगा है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
बेगूसराय में बाढ़ का खतरा लगातार देखने को मिल रहा है. बाढ़ की स्थिति बेगूसराय में भयावह हो चुकी है. वहीं बाढ़ का पानी आने के बाद लोग लगातार परेशान होने लगे हैं. घर में पानी प्रवेश कर जाने के बाद लोग ऊंचे-ऊंचे स्थान पर और घरों की छतों पर रहने को मजबूर हो गए है. ऐसे में बाढ़ का पानी आने के बाद लोग काफी डरे सहमे हुए है. बाढ़ का पानी आने के बाद से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है.
बता दें कि बेगूसराय के मटिहानी प्रखंड के छितरौर गांव में पिछले कई दिनों से बाढ़ के पानी घर में प्रवेश कर चुका है, सड़कों पर पहुंच चुका है. पानी आने के बाद लोगों के बीच भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. लोग जैसे तैसे रहने को मजबूर है. लोगों ने बताया है कि पिछले 8 दिनों से इसी इलाके में पानी प्रवेश कर चुका है. लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण से लोग काफी परेशान हो रहे हैं.
लोगों ने बताया कि सड़कों पर घुटने भर से ज्यादा पानी लग चुका है. लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया है कि पूरी तरह से घर में पानी प्रवेश कर चुका है, लोग छत पर रहने को मजबूर हैं. लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा इस इलाके में अभी तक किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा इस इलाके में पीड़ितों के बीच मोमबत्ती और तिरपाल की व्यवस्था करें. ताकि बाढ़ पीड़ितों को थोड़ी राहत मिल सके.
भागलपुर जिले में गंगा सबसे ज्यादा कहर सुल्तानगंज में बरपा रही है. यहां गंगा खतरे के निशान से 1 मीटर 78 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. लिहाजा जो निचले और दियारा इलाके हैं. वहां जलमग्न हो चुका है. दियारा के लोग जल कैदी बन गए हैं. हम सुल्तानगंज के मोती चौक कल्याणपुर दियारा पहुंचे. जहा गंगा का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर चुका है. घरों में चूल्हा बंद हो गया है.
आवागमन के लिए छोटे-छोटे टिन के नाव हैं. गांव में 4 फीट पानी में छोटे बच्चे टिन शेड के नाव के जरिये आवागमन कर रहे हैं. जीवनदायिनी गंगा यहां के लोगों पर हर साल कहर बनकर टूटी है. जिनके घरों में पानी चला गया है. लोग घर से सामान और जलावन निकाल ऊंचे स्थानों पर ले जा रहे हैं. इन बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
झारखंड में लगातार हो रही बारिश में किसानों के चेहरे पर खुशी लाने का काम किया है, लेकिन कुछ लोगों के लिए बारिश आफत बनकर आई है. दरअसल, राजधानी के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे मकान है जो काफी पुराने हैं और मिट्टी से बने हैं. लेकिन लगातार हो रही बारिश ने उन दीवारों को खोखला कर दिया है. जिसका नतीजा है घर की दीवार गिर गयी है.
ऐसा ही एक मामला रांची के इटकी प्रखंड का है. दरअसल, इटकी प्रखण्ड के मौसी बॉडी गुलजार बाग निवासी मो सादाब एक किराना की दुकान चलाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं. लेकिन यह बारिश उनके लिए आफत बन कर आई और उन्हें बेघर कर दिया. आज मजबूरी में उन्हें किराए के मकान में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. क्यों घर बनवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं.
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