इस्लाम धर्म दुनिया का वाहिद एक ऐसा मजहब है, जिसमें शादी/निकाह करना सबसे आसान है. लेकिन इस्लाम में शादी को लेकर कुछ बंदिशें भी हैं.
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, कोई भी लड़का अपने चाचा, मामा, मौसी और फुफा की बेटी से निकाह कर सकता है.
इस्लाम में खून के रिश्ते जैसे माता- पिता के भाई या बहन से निकाह नहीं हो सकता है.
अपनी मां की बहन यानी मौसी (खाला) के साथ निकाह करना हराम है.
तीसरा अपने भाई की बेटी यानी भतीजी से निकाह नहीं कर सकता है.
चौथा अपनी बहन की बेटी यानी भांजी से शादी नहीं कर सकता है.
पांचवा माँ के अलावा दूध पिलाने वाली नौकरानी या किसी अन्य महिला रिश्तेदार के बच्चे से शादी नहीं हो सकती है, क्यूंकि उसके बच्चे को भी भाई- बहन माना गया है.
एक व्यक्ति एक साथ दो सगी बहनों से यानी बीवी के अलावा उसकी बड़ी या छोटी बहन (साली) से शादी नहीं कर सकता है. बीवी की मौत या उससे तलाक के बाद साली से शादी हो सकती है.
यह जानकारी मौलाना शम्स तबरेज कासमी से बातचीच के आधारित पर दी गई है.