Justice Sudhanshu Dhulia: कर्नाटक हिजाब मामले पर सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी थी, फैसला आया लेकिन मामला अब भी नहीं सुलझा. जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधाशुं धूलिया दोनों की राय एक-दूसरे से अलग रहीं.वहीं जस्टिस सुंधांशु धूलिया ने हिजाब पर बैन लगाने के राज्य सरकार के फैसले को गलत करार दिया है और इस आदेश को रद्द कर दिया..आइये जानते हैं कौन हैं जस्टिस सुंधांशु धूलिया जस्टिस धूलिया उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के मदनपुर गांव के रहने वाले हैं. जस्टिस धूलिया का जन्म 10 अगस्त 1960 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. पिता केशव चंद्र धूलिया इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज थे. उनके दादा भैरव दत्त धूलिया स्वतंत्रता सेनानी थे. इसलिए बचपन से ही पढ़ाई पर जोर रहा.देहरादून और इलाहाबाद में प्राइमरी की पढ़ाई हुई और फिर वो लखनऊ के सैनिक स्कूल में पढ़ने गए. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और कानून की पढ़ाई पूरी की.1986 में इलाहाबाद हाई कोर्ट से अपने करियर की शुरूआत की थी. 2000 में उत्तराखंड राज्य के बनते ही उनको वहां ट्रांसफर मिला. उत्तराखंड हाई कोर्ट के पहले मुख्य स्थायी वकील थे और बाद में राज्य के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता बने.2004 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया.नवंबर 2008 में वो उत्तराखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में चुने गए. असम, मिजोरम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश हाई कोर्ट में भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. जस्टिस सुधांशु धूलिया ने इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में शपथ ली थी.