What is Moonlighting: पिछले कुछ वक्त से एक मुद्दा जो कार्पोरेट सेक्टर और उनके कर्मचारियों के बीच फसाद की वजह बनी हुई है उसका नाम है मूनलाइटिंग अब जब पहली बार मैंने इसके बारे में सुना तो मुझे लगा मूनलाइटिंग क्या हो सकता है. मुझे लगा चांद की रोशनी की बात हो रही होगी लेकिन चांद की रोशनी से तो इस मूनलाइटिंग का कुछ लेना देना ही नहीं था. इस मूनलाइटिंग से तो INFOSYS से लेकर IBM के मालिक तक परेशान थे. तब मुझे लगा इस पर रिसर्ज करना पडे़गा कि आखिर यह मूनलाइटिंग क्या बला है. मूनलाइटिंग सीधे शब्दों में कहें तो फ्रीलांसिंग मतलब ऑफिस से फ्री होकर एकस्ट्रा इंनकम के लिए कोई और काम करना यह काम एक से ज्यादा भी हो सकता है. IT SECTOR से लेकर MEDIA जगत हर जगह लोग अब रोज की नौकरी से फ्री होकर कुछ एकस्ट्रा कमाई के लिए ऐसा करते हैं, अब आप लोग सोच रहे होंगे कि इसे मूनलाइटिंग क्यों कहते हैं. पता लगाया तो पता चला कि आमतौर पर लोग दिन के वक्त आठ से नौ घंटे काम करते हैं जिसके बाद घर पहुंचकर अपने काम से मिलता जुलता काम या फिर कोई और काम जैसे कॉफी शॉप काम करना, डिलीवरी ब्यॉज के तौर पर या फिर Content Writing, Marketing, या फिर एक कंसल्टेंट के तौर काम करते हैं.तो ऐसे में एक सवाल कि इससे बाकि कंपनियों को क्यों परेशानी हो रही है. कंपनियों नें अपने कर्मचारियों के लिए नोटिस जारी कर दी है कि मूनलाइटिंग की परमिशन किसी भी कर्मचारी को नहीं दी जा सकती है इसका उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. कर्मचारियों को यह भी कहा गया है कि उन्हें नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है.