Vaishali Takkar Suicide Case: मां, पापा, बस अब और परेशानी नहीं सिर्फ मैं ही जानती हूं कि मैंने 2 साल कैसे ज़िंदगी की जंग लड़ी है टेलीवीजन की जानें मानी एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर के आख़िरी अलफ़ाज़ हर किसी को हैरान-परेशान कर गया. जिंदगी को जिंदादिली के साथ जीन वाली चहकती खिलखिलाती और चंचल आदाकारा वैशाली ठक्कर भले ही रील लाइफ़ में बेहद सुलझा हुआ रोल कर रही थीं लेकिन रियल लाइफ़ उनकी उतनी ही उलझी हुई थी. रील लाइफ में प्यार के रिश्ते को बखूबी निभाया. लेकिन रियल लाइफ में वैशाली की मोहब्बत के रिश्ते में ट्विस्ट रहा. जाते जाते एक आख़िरी सुसाइड नोट लिख कर गईं. उसे डर था कि उसका एक्स बॉयफ्रेंड उसकी शादी नहीं होने देगा. तो क्या होगा. सुसाइड नोट की बुनियाद पर पुलिस ने दावा किया कि वैशाली का एक्स बॉयफ्रेंड उसे तंग कर रहा था. खिलखिलाते चेहरे के पीछे दर्द का सागर छिपा था. सवाल ये कि आखिर ऐसे हालात क्यों बन गए जिससे टीवी इंडस्ट्री की जानी मानी और कामयाब एक्ट्रेस की जिंदगी में जहर घुल गया. आख़िर ऐसा क्या हुआ कि हालात से लड़ने की जगह उसने मौत को गले लगाना ही बेहतर समझा. एक खुशमिजाज और जिंदगी के हर पल को जिंदादिली से जीने वाली वैशाली ठक्कर ने मौत के सामने सरेंडर कर दिया और फांसी लगा कर ख़ुदकुशी कर ली. मौत से पहले वैशाली ने अपना दर्द को सुसाइड नोट में बयान किया है जिसमें एक्स ब्वॉयफ्रेंड और उसकी बीवी पर प्रताड़ित करने का इल्ज़ाम लगाया है. सुसाइड नोट से वैशाली का दर्द साफ झलक रहा है. वो डिप्रेशन का शिकार हो चुकी थी. और इतना परेशान हो गई कि ख़ुदकुशी करने के लिए मजबूर हो गई. साल 2015 में फेमस शो ये रिश्ता क्या कहलाता है. में वैशाली ने संजना का किरदार निभाया तो अपने चाहने वालों के दिल में वो जगह बनाती चली गई. इस शो से पहचान मिली. तो इसके बाद वैशाली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.ससुराल सिमर का सीरीयल में वैशाली ने अंजलि का रोल निभाया था. इस शो के बाद ये वादा रहा. ये है आशिकी सुपर सिस्टर, लाल इश्क, विष और अमृत में नजर आई ससुराल सिमर का शो से वैशाली को काफी पॉपुलैरिटी मिली थी आखिरी बार वैशाली मनमोहिनी शो में नजर आई थी. टीवी के अलावा वैशाली ने फिल्मों में भी काम किया है..लेकिन टेलीविजन की पॉपुलर एक्ट्रेस वैशाली मायानगरी को छोड़कर पिछले एक साल से अपने होम टाउन इंदौर में रह रही थी, और अपने चाहने वालों से सोशल मीडिया के जरिए हमेशा जुड़ी रहती थी. आज वैशाली इस दुनिया में नहीं हैं. वैशाली डिप्रेशन में थीं और शायद उसके पास उसे सुनने और समझने के लिए कोई नहीं था. इसलिए ज़ी सलाम के ज़रिए मेरी आपसे दर्ख़्वास्त है कि किसी भी परेशानी, दुख, दर्द को अपने ऊपर हावी मत होने दें. औऱ अपनी परेशानी के बारे में बात करें अपने दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी. जो भी आपका क़रीबी हो उससे बात करें औऱ इस का हल डूंडने की कोशिश करें जिससे हमारे समाज में किसी और का अंजाम वैशाली की तरह ना हो डिप्रेशन को अपने ऊपर हावी मत होने दें.