udaipur killing: It is absolutely wrong to link Udaipur murder case with Dawat-e-Islami! कानपुर के डिप्टी पड़ाव में दावत-ए-इस्लामी का मरकज है. यहां स्थित गुरबतुल्लाह पार्क के मस्जिद में यह मरकज स्थित है. 20 से अधिक सालों से जहां पर दावत-ए-इस्लामी अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है. आरोप यह है कि पाकिस्तानी संस्था दावत-ए-इस्लामी के लिए कानपुर से फंडिंग की जा रही है. जिसके लिए मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में स्थित दुकानों पर ट्रांसपैरेंट बॉक्स लगाए गए हैं. चैरिटी के नाम पर इनसे धन इकट्ठा किया जाता है और इसे संस्था के नाम पर पाकिस्तान भेज दिया जाता है. पाकिस्तान इस धन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए करता है. उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद सुर्खियों में आया दावत-ए-इस्लामी कानपुर में बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं. बताया जा रहा है कानपुर में दावत-ए-इस्लामी के 50,000 से अधिक फॉलोअर्स मौजूद हैं. गुरबत उल्लाह मस्जिद में बने मरकज में मदरसे का संचालन भी किया जाता है. इसके अलावा यहां पर इस्लामी किताबों के लिए बनाई गई लाइब्रेरी भी स्थित है. साथ ही साथ यहां पर जनाजे का सामान और कफन बेचने का काम भी किया जाता है. वही दावत-ए-इस्लामी संस्था से जुड़ा कोई भी शख्स यहां संचालित हो रही गतिविधियों के बारे में बताने के लिए सामने नहीं आया. वहीं जिस मस्जिद में मरकज स्थित है वहां के इमाम ने बताया कि पिछले 20 सालों से यहां पर दावत-ए-इस्लामी का मरकज चल रहा है. उन्हें यहां पर संचालित होने वाली किसी भी गलत गतिविधि के बारे में जानकारी नहीं है. उनके मुताबिक यहां पर सामाजिक कार्य किए जाते हैं और लोगों को इस्लाम की नेकियां बताई जाती है.