Shravan Kumar of Kaliyug became Chandan Kumar of Bhagalpur, people praised आज सावन की पहली सोमवार है और सभी काँवड़ यात्री देवघर की यात्रा पर निकल पड़े हैं. ऐसे में लोगों की नजर उस वक्त चंदन पर पड़ी जब वह अपने मां बाप को कांवर में बैठाकर उन्हें अपने कंधे के सहारे देवघर यात्रा पर जाने लगा, उनके इस काम को देखते हुए लोगों को एक बार फिर से श्रवण कुमार याद आ गया. लोगों ने चंदन को कलयुग का श्रवण कुमार बताया और "श्रवण कुमार की जय" के नारे भी लगाया. आपको बता दें कि भागलपुर से देवघर की दूरी लगभग 108 किलोमीटर है.
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