Ground Report of Kashmiri Pandits: कश्मीर से पंडितों का पलायन कश्मीरी मुसलमानों के दामन पर लगा वह दाग है, जिसके धब्बे शायद ही कभी धुल पाएंगे. इस गुनाह के जिम्मेदार तो कश्मीर के अलगाववादी नेता और चरमपंथी थे, लेकिन इस जुर्म में वहां की अमन पसंद अवाम को भी बराबर का हिस्सेदार मान लिया गया.उनपर इल्जाम है कि वह घाटी छोड़कर जाने वाले कश्मीरी पंडितों की हिमायत में खडे़ नहीं हुए. एक बड़ा इल्जाम ये भी है, कि जो कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर चले गए उनके घरों और जमीन-जायदाद पर चरमपंथियों और दहशतगर्दों के साथ आम मुसलमानों ने कब्जा कर लिया लेकिन हर सिक्के के दो पहलु होते हैं. हर तथ्य और हकीकत का एक दूसरा सिरा भी होता है. आज हम आपको रूबरू कराएंगे उस कश्मीर से जहां के मुसलमान अपनी अमानतदारी की मिसाल पेश करते हुए कश्मीरी पंडितों के घाटी छोड़ने के 40 साल बाद भी अपने पड़ोसी के लौट आने की राह देख रहे हैं. उनके घरों, खेतों और बाग-बागीचों की हिफाजत कर रहे हैं. उनके दिलों में अपने पंडित पड़ोसियों के लिए प्यार और इज्जत आज भी बरकरार है. हम इस बात से भी आपको रूबरू कराएंगे कि आखिर कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद और सरकार के जरिए कश्मीरी पंडितों की वापसी के ऐलान के बाद कितने पंडित वहां वापस आए हैं और वहां मौजूद पंडित इसे लेकर क्या सोचते हैं ?
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