Muharram 2023: इमाम हुसैन जिस घोड़े पर सवारी करते थे उसका नाम ज़ुलजनाह था. इमाम हुसैन से अक़ीदत रखने वाले अफ़राद इस घोड़े का भी एहतेराम करते हैं. ये बड़ा वफ़ादार घोड़ा था. ये घोड़ा इमाम हुसैन के नाना हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा स.अ. का था, उनकी रहलत के बाद इस घोड़े ने इमाम हुसैन की राहें क़दम क़दम पर आसान कीं. जब कर्बला में इमाम हुसैन के ख़ैमे में पानी ख़त्म हो गया तो इमाम और उनके साथियों के साथ ये घोड़ा भी भूखा प्यासा था. प्यास के आलम में भी इसने इमामे हुसैन का पूरा साथ दिया था. 10 मोहर्रम को जब इमाम हुसैन के 71 साथियों की शाहदत हुई तो ख़ैमे से मक़तल तक इमाम इसी घोड़े पर सावर हो कर आते जाते रहे और शहीदों की लाशें उठाते रहे. पूरी कहानी जानने के लिए देखें वीडियो