Liz Trusss: ब्रिटेन की सियासत एक बार फिर बदलाव की तरफ बढ़ रही है. हाल ही में ब्रिटेन ने बदलाव देखा और लंबी चुनाव प्रक्रिया के बाद, लिज़ ट्रस प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन, 6 हफ्ते बाद ही सरकार खतरे में आ गई है.अब माना जा रहा है कि, कई मुद्दों को लेकर दबाव में आईं लिज़ ट्रस को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है, लिहाज़ा लिज ट्रस के इस्तीफे की ख़बर के बीच चर्चा है कि, भारतीय मूल के ऋषि सुनक फिर पीएम की रेस में आ गए हैं. ऐसे में सवाल ये हैं कि आखिर, पीएम लिज़ ट्रस की कुर्सी खतरे में क्यों हैं, और ऋषि सुनक के पीएम बनने को लेकर अटकलें क्यों लगाई जा रही हैं. दरअसल, सितंबर के आखिर में ट्रस की ओर से पेश किए गए मिनी बजट का मकसद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को ढाई प्रतिशत के विकास स्तर पर ले जाना था, हालांकि ऐसा नहीं हुआ. इसके बजाय, इसने पहले से ही संकटग्रस्त बाजार को और हिलाकर रख दिया. और अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड ओवरड्राइव मोड में चला गया. ट्रस को अपनी योजना पर शर्मिदंगी झेलनी पड़ी. उन्हें उम्मीद थी कि टैक्स में कटौती और नियमों में ढीलेपन से ग्रोथ को मजबूती मिलेगी. लेकिन डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड लगातार गिर रहा है. ईधन के दाम बढ़े हैं. इससे देश का मध्यम वर्ग पहले ही खफा है, तो वहीं रूस से होने वाली ईधन की सप्लाई रुकी हुई है. अब कंजर्वेटिव पार्टी के 100 से ज्यादा सांसद ट्रस के खिलाफ कैंपेन कर रहे हैं. ये वही सांसद हैं जिनकी बदौलत ट्रस, सत्ता के शीर्ष तक पहुंचीं. ऐसे में ट्रस की सत्ता कमजोर होने के साथ ही, ऋषि सुनक का नाम पीएम के लिए आगे आ रहा है. सुनक का दावा इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है, क्योंकि सुनक ने पहले भी कई बार ट्रस की नीतियों के खिलाफ अपनी बात रखी है, और वो काफी हद तक सच साबित हो रही हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रस की सत्ता गिरती है तो सुनक की सत्ता ब्रिटेन पर राज करेगी.