Dowry in Islam: जब भी बात किसी की शादी की होती है तो सबसे पहला सवाल आता है दहेज का वैसे तो दहेज लेना या देना दोनों गलत है लेकिन ये कहीं ना कहीं एक फैशन बन गया है अब तो शादियों में दहेज के नाम पर कैश भी दिया जाता है, ये दहेज अपने आप में इतनी बुरी चीज है कि ना जानें कितनी लड़कियों का घर इस दहेज की वजह से नहीं बस सका. अगर इस्लाम की नजर से इस बात को समझा जाए तो शादी में लड़की वालों से जो भी चीज मांगी जाती है वह सरासर गलत और हराम है. इस्लाम में शादी के वक्त मांग कर कुछ भी लेना और देना दोनों हराम है. शादी में अगर लड़के वाले किसी चीज की मांग करते हैं तो हराम है. अगर लड़की वाले किसी चीज की मांग करते हैं तो वह भी हराम है. अगर शादियों में दोनों में किसी भी एक की तरफ से मांग की जाती है तो शादी की सारी खैर व बरकत चली जाती है. अगर लड़की वाले अपनी मर्जी से अपनी लड़की को कोई तोहफा देते हैं तो वह दहेज के नाम पर जायज है. हालांकि यहां याद रखना जरूरी है कि तोहफे का लेन-देन दोनों तरफ से होना चाहिए. कहने का मतलब यह है कि अगर लड़की वाले कोई तोहफा देते हैं तो लड़के वालों को भी तोहफा देना चाहिए. लेकिन इस बात की भी ताकीद की जाती है कि अगर तोहफों से यह जाहिर होता है कि दहेज की रस्म अदा हो रही है, तो तोहफे न देना ही ज्यादा बेहतर है.
Thank you
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts.