Hajj Ek Farz: When did Hajj begin? सिलसिला ए हज का बाक़ायदा आग़ाज़ हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्ललाहू अलेहीवसल्लम की आमद से क़ब्ल हज़रत इब्राहीम अलेहीस्सलाम के ज़माने में हुआ, और ये किसी किसी शक्ल में हुज़ूरे पाक की आमद तक जारी रहा. हज़रत आदम अलेहीस्सलाम के बाद बैतुल्लाह शरीफड की पहली तामीर सैय्यदना इब्राहीन अलेहीस्सलाम ने की. अक्सर मनासिक यानि अरकाने हज और दीगर शराएत सय्यदना इब्राहीम अलेहीस्सलाम से मंसूब हैं. फिर आक़ा अलेहीस सलातू वस्सलाम ने बाज़ तरामीम के साथ हज का तरीक़ा मुक़र्रर फ़रमाया. मौजूदा तारीख़ जो कमो बेश साढ़े चार हज़ार साल पुरानी है, इस का आग़ाज़ हज़रत इब्राहीम अलेहीस्सलाम के दौरे नबवत से हुआ. तारीख़ में पहली मर्तबा हज 629 ईस्वी को पैग़म्बरे इस्लाम की क़्यादत में किया गया था. उस के बाद ये फ़रीज़ा हर साल अदा होता है. तारीख़ में तक़रीबन 40 मवाक़े ऐसे हैं जिनमें हज अदा नहीं हो सका है और कई बार खाना काबा हाजियों के लिए बंद रहा. इसकी कई वजूहात थीं जिनमें बैतुल्लाह पर हमले से लेकर सियासी लड़ाई, वबा, सैलाब, चौर और डाकूओं के हाजियों के क़ाफ़िले लूटना और मौसम की मार शामिल है.