Hajj Ek Farz: The first performance of Hajj is Ihram, know हज और अमराह में सबसे पहला अमल एहराम है. हज या उमराह की नियत से तलबिया पढ़ने को एहराम कहते हैं. सिर्फ़ तलबिया या सिर्फ़ नीयत करने से एहराम शुरू नहीं होता और सिर्फ एहराम के कपड़े पहनने से भी एहराम शुरू नहीं होता है, और एहराम बांधने का बहतर तरीक़ा ये है कि जब एहराम बांधने का इरादा करें तो पहले ग़ुस्ल करें औऱ वुज़ू कर लेना भी काफ़ी है. औरतों का एहराम और हज भी मर्दों की तरह है. फर्क़ ये है कि औऱत को सिले हुए कपड़े पहने रहना चाहिए. सर को भी छुपाना चाहिए. ये जानना ज़रूरी है कि रसूल अल्लाह ने मक्का मुकर्रमा के गिर्द चारों तरफ कुछ मक़ामात हैं. जहां पहुंच कर मक्का मुकर्रमा जाने वालों पर एहराम बांधना वाजिब है. हज के ग़र्ज़ से हिजाज़े मुक़द्दस पहुंचने वाले फ़रज़ंदाने तोहीद के एहराम बांधने के लिए इस्लामी शरियत में पांच मक़ामात मुक़र्रर किए गए हैं. जिन्हें मीक़ाते एहराम या फिर सिर्फ़ मीक़ात कहा जाता है. बता दें कि कुल पांच मीक़ात हैं. पहला - ज़ुल हुलैफ़ा दूसरा - क़र्न-अल-मनाज़िल तीसरा - यलमलम चौथा - अल जूहफ़ा पांचवां - ज़ातू इर्क़