Varanasi Carbon Dating: ज्ञानवापी मामला इन दिनों खू़ब चर्चा में है, जिसमें मिले मुबैयना फ़व्वारा जिसे हिंदू फ़रीक़ की तरफ़ से शिवलिंग कहा जा रहा है. जिसको लेकर कार्बन डेटिंग की मांग की जा रही है. आपको बता दें अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में भी कार्बन डेंटिंग करवाई गई थी. आज हम आपको बताएंगे कार्बन डेटिंग किसे कहते हैं. दोस्तों आपको बता दें इंसानों की उम्र उसके जन्म के साल की बुनियाद पर पता लगाई जा सकती है, लेकिन किसी वस्तु या पौधों, मृत जानवरों या जीवाश्म अवशेषों के लिए उम्र का पता लगाने लगाना काफ़ी मुश्किल हो जाता है. यहीं पर काम आती है कार्बन डेटिंग. कार्बन डेटिंग वो वैज्ञानिक जांच प्रक्रिया है, जिसके ज़रिए 50 हज़ार साल पुराने अवशेष का पता लगाया जा सकता है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो वस्तु में मौजूद 'कार्बन-14' की मात्रा का अनुमान लगाकर कार्बन-आधारित सामग्री की उम्र बता सकती है. हालांकि, कार्बन डेटिंग के लिए एक शर्त यह है कि इसे केवल उस पदार्थ पर लागू किया जा सकता है जो कभी जीवित था या वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड लेता रहा हो. कार्बन डेटिंग को रेडिया कार्बन डेटिंग भी कहा जाता है.