Cinema in Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बदलाव की बहार चल रही है. दहशतगर्दी से परेशान वादी-ए-कश्मीर में 90 के दशक से ही सिनेमा बंद था. ऐसे में वादी में लोगों के लिए एंटरटेंमेंट की कोई जगह या मीडियम नहीं था. आतंकवादी विद्रोह के दौरान दहशतगर्दो के ज़रिए सभी सिनेमा हॉल को जबरदस्ती बंद करा दिया गया था या फिर आग लगा दी गई थी. कश्मीर की नौजवान नसल तीन दशक से सिनेमा से महरूम थी. कश्मीर में सिनेमा हॉल की स्थिति बेहद खराब हैं और तीन दशक पहले बंद होने के बाद सेक्योरिटी फोर्सिस ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था. तब से कश्मीर उस वक्त का इंतजार कर रहा था जब सिनेमा अपने पुराने रूप में वापस आ जाए.
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