Azadi Ka Amrit Mahotsav: साल 1916 में महात्मा गांधी कांग्रेस के लखनऊ के अधिवेशन में शामिल हुए. गांधी जी अधिवेशन में पीछे बैठे हुए थें. इसी दौरान अधिवेशन में एक इंसान गांधी जी के बगल में आ बैठा. उसने उन्हें चम्पारण आने का न्यौता दिया. न्यौता इसलिए क्योंकि चम्पारण में एक मुद्दा जोरों पर चल रहा था. अब ये मुद्दा क्या था, एक मामूली मुद्दा आंदोलन कैसे बना और कैसे ये आंदोलन महात्मा गांधी का पहला सफल आंदोलन बना, आजादी के 75 साल की 75 कहानियों के इस अंक में इसी बात पर चर्चा होगी....
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