Azadi Ka Amrit Mahotsav: ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के पेशावर के पास एक सुन्नी मुस्लिम परिवार में एक गांधीवादी का जन्म हुआ था. उस गांधीवादी को आप फ्रंटियर गांधी, सीमांत गांधी, बादशाह खान या अब्दुल गफ्फार खान (Abdul Ghaffar Khan) के नाम से बुला सकते हैं. उनका राजनैतिक सफर 1919 में पेशावर (Peshawar) से शुरू हुआ. जब पेशावर (Peshawar) में मार्शल लॉ लागू किया गया. उनके शांति प्रस्ताव पेश करने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार कर लिए गया. उन्होंने खुदाई खिदमतगार (Khudai Khidmatgaar) नाम का सामाजिक संगठन बनाया. खान साहब कहा करते थे कि हर खुदाई खितमतगार की यही कसम होती है कि हम खुदा के बंदे हैं, दौलत या मौत की हमें कदर नहीं है. देखें पूरी खबर
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