Azadi Ka Amrit Mahotsav 2022: 20वीं सदी के शुरुआत में बंगाल में चल रहा राष्ट्रवादी आंदोलन अपने चरम पर था. ब्रिटिश सरकार के लिए ये एक अच्छी खासी चुनौती बन चुका था. इस आंदोलन को बंद करने के लिए ब्रिटिश हुकूमत ने बंगाल का विभाजन करना सही समझा. ये किस्सा साल 1905 में शुरू हुआ था. उन दिनों ब्रिटिश भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल लार्ड कर्जन ने बंगाल के विभाजन का ऐलान किया. हालांकि विभाजन का कारण अंग्रेजों द्वारा प्रशासन को दूरुस्त करने के लिए कहा गया लेकिन लेकिन बंगाली समुदाय को इसमें छिपी साजिश की गंध आ गई. सब जान गए की बंटवारा बांटो और राज करो की नीति के तहत हो रहा है. इस बंटवारे को रोकने के लिए बंगालियों ने एक ऐसा रास्ता जो ना केवल अनोखा था बल्कि कारगर भी सिद्ध हुआ. आज के अंक में इसी बारे में चर्चा होगी....