Agra News: ताजमहल इन दिनों सरकारी तंत्र नहीं बल्कि खूंखार बंदरों की ज़द में है, खूंखार बंदरों द्वारा देशी और विदेशी पर्यटकों के ऊपर एक नहीं बल्कि दर्जनों बार हमले किए गए हैं और इन हमलों में पर्यटकों को चोट भी आई हैं. इसके बावजूद ताजमहल प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बंदरों के आतंक का तमाशा देख रहा है. ताजमहल के अंदर मस्जिद के सामने एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बड़ी तादाद में बंदर झुंड बनाकर वुजूखाने की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. वहीं बंदरों की इतनी बड़ी तादाद को देखकर पर्यटकों में भी हड़कंप मचा हुआ है और वह भी दहशत में दिखाई दे रहे हैं. दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल खूँखार बंदरों का आतंक जारी है. शाही मस्जिद के वुजूखाने को बंदरों ने स्विमिंग पूल बना लिया है. यह अक्सर बंदरों का एक झुंड पानी पीने आता है और पानी में खूब अठखेलियां करता है. इस दौरान बंदरों के आसपास जो भी होता है बंदर उस पर हमला कर देते हैं वही पर्यटक भी बंदरों के इस झुंड को देख कर दहशत में आ जाते हैं. बंदर यहां एक साथ सैकड़ों की तादात में आते हैं. बंदरों की इतनी बड़ी तादाद को कंट्रोल करने के लिए यहाँ किसी तरह के कोई इंतजाम देखने को नहीं मिल रहे हैं. इन बंदरों की वजह से पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बंदरों से कैसे निपटा जाए इसका जवाब किसी के पास नहीं है. देखिये किस तरह बंदरों ने पूर्व में एक के बाद एक कई पर्यटकों को अपना निशाना बनाया है. जो पर्यटक बेहतरीन यादें संजोने के लिए ताजमहल आते हैं वो कभी ना भूलने वाला दर्द अपने साथ लेकर लौट रहें हैं. बंदरों के हमले को रोकने के लिए एक नहीं दर्जनों बार प्रशासनिक मीटिंग हुई. हर मीटिंग में विभाग टू विभाग पत्र भी जारी किए गए. नई नई योजनाएं लागू की गई. लेकिन बंदरों के आतंक के आगे प्रशासन की एक भी योजना काम नहीं आई और आज भी बंदर लगातार पर्यटकों को अपना निशाना बना रहे हैं और उनके दिल में दहशत बैठा रहे. एस आई के अधीक्षण राजकुमार पटेल भी अपनी बेबसी का रोना और रो रहे हैं. इनके द्वारा बनाई गई तमाम योजनाएं बंदरों ने विफल कर दी हैं. अभी अभी सिर्फ पर्यटकों से अपील कर रहे हैं कि वह अपना ख्याल खुद रखें बंदरों के नजदीक न जाए लेकिन अगर बंदर पर्यटकों पर हमला कर दें तो इस पर इनका कोई जवाब नहीं है. ताज महल के अंदर बंदरों द्वारा विदेशी पर्यटकों पर किए गए हमलों को लेकर विपक्ष भी लगातार सरकार को घेरता रहा है लेकिन इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन बंदरों के आगे इतना मजबूर हो चुका है कि पर्यटक बंदरों के हमले से लगातार घायल हो रहे हैं और प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा हुआ है. अब देखना होगा कि नाकाम प्रशासन और कितने पर्यटकों के ऊपर बंदरों द्वारा हमले का यह तमाशा देखता है. और कब तक इन हमलों पर रोक लग पाती है....