Global Climate Scientist: प्रमुख जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ और इंटरनेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एंड डेवलपमेंट के निदेशक प्रोफे़सर सलीमुल हक का ढाका में उनके आवास पर निधन हो गया. उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई.
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Climate Expert Saleemul Huq Death: पूरी दुनिया में मशहूर जलवायु अनुकूलन विज्ञान विशेषज्ञ और विकासशील दुनिया का प्रतिनिधित्व करने वाली एक बड़ी आवाज सलीमुल हक का बांग्लादेश की राजधानी ढाका में निधन हो गया. उन्होंने 71 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. सलीमुल हक को एक बांग्लादेशी-ब्रिटिश साइंसटिस्ट और इंटरनेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एंड डेवलपमेंट (आईसीसीसीएडी) के निदेशक और सीओपी 28 सलाहकार कमिटी के एक अहम मेंबर थे. वह इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की तीसरी, चौथी और पांचवीं मूल्यांकन रिपोर्ट के प्रमुख लेखक थे. उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) में सबसे कम विकसित देशों (Least Developed Countries) समूह को सलाह भी दी थी.
सलीमुल हक़ के निधन पर गम का इजहार करते हुए यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने कहा, ''हम दुनिया के सबसे अजीम जलवायु अनुकूलन विज्ञान विशेषज्ञों में से एक प्रोफेसर सलीमुल हक के परिवार के प्रति अपनी हमदर्दी व्यक्त करते हैं. हम यूएनईपी में यूएनईपी द्वारा आयोजित विश्व अनुकूलन विज्ञान कार्यक्रम में उनकी भागीदारी से समृद्ध हुए हैं. भगवान उसकी आत्मा को शांति दें". हाल ही में, उन्हें अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन से निपटने की सेवाओं के लिए ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (ओबीई) के अधिकारी के तौर पर चुना गया था.
बता दें कि. हक ने दशकों तक क्लाइमेट और विकास के क्षेत्र में अहम योगदान दिया. क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल के वैश्विक राजनीतिक रणनीति के चीफ हरजीत सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया, ''उन्हें हमेशा वंचित समुदायों की चिंताओं के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने न सिर्फ अनुकूलन पर लीडिंग रिसर्च की, बल्कि सही नीतियां बनाने के लिए नेशनल और वैश्विक स्तर पर नीति निर्माताओं के साथ मिलकर काम भी किया. WWF के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आदिल नजम ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ''किसी ने भी, और मेरा मतलब है किसी ने भी, जलवायु अनुकूलन के बारे में दुनिया की समझ को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया या इसे वैश्विक नीति के केंद्र में लाने की तात्कालिकता को उजागर करने के लिए मेहनत नहीं की है. जलवायु परिवर्तन पर चौंकाने वाली खबरों से भरे साल में, यह मेरे लिए सबसे हैरान करने वाली खबरों में से एक है.
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