Rampur Election Result: यूपी से सपा की सरकार जाने के बाद से आज़म की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब उनकी आखिरी उम्मीद रामपुव उपचुनाव भी उनके हाथ से निकल चुका है. क्योंकि सपा उम्मीदवार आसिम रजा को भाजपा के आकाश सक्सेना ने शिकस्त दे दी है
Trending Photos
Cases Registered Against Azam Khan: आज़म ख़ान का शुमार समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों और मुलायम सिंह यादव के सबसे क़रीबी लीडरान में होता है. मुलायम सिंह यादव के साथ आज़म ख़ान के रिश्ते कैसे थे, यह बात किसी से छिपी नहीं है. समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर आज़म ख़ान का सियासी सफ़र काफ़ी लंबा रहा है. एसपी सरकार में उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया था. पार्टी में आज़म ख़ान के हर फ़ैसले को अहमियत दी जाती थी.अपने 45 साल के सियासी सफ़र के दौरान आज़म ख़ान ने कई बार उतार- चढ़ाव का सामना किया. लेकिन राज्य से समाजवादी पार्टी की सरकार जाने के बाद उनकी परेशानियों में दिन-ब-दिन इज़ाफा होता चला गया.
आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ कुल 90 केस दर्ज हैं हालांकि चुनावी हलफनामे के मुताबिक़ उनके ख़िलाफ़ 80 केस दर्ज थे. वहीं, इंतेख़ाबी तश्हीर के दौरान उन पर कई केस दर्ज हुए जिसको मिलाकर आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ कुल 89 केस दर्ज हो चुके हैं. वहीं अगस्त 2022 में एक और केस दर्ज हुआ और अब उनके ख़िलाफ़ कुल 90 केस चल रहे हैं. जिसमें भड़काऊ भाषण देने के अलावा आज़म ख़ान पर बकरी चोरी, भैंस चोरी, मदरसे से किताबें चोरी करना और टोल पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने समेत कई केस दर्ज हैं. इनमें से ज़्यादातर केस 2017 में बीजेपी के यूपी में आने के बाद के हैं. योगी सरकार में उनके ख़िलाफ जांच भी तेज़ी से हुई.
हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2022 को आज़म ख़ान को तीन साल की सज़ा सुनाई थी हालांकि सज़ा सुनाए जाने के फौरन बाद एसपी लीडर को ज़मानत दे दी गई. वहीं 28 अक्टूबर को उनकी असेंबली मेंबरशिप को ख़त्म करके सीट ख़ाली होने का ऐलान किया गया था. 2019 में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ आज़म खान ने टिप्पणी की थी जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का मामला दर्ज किया गया था.
2019 में आज़म ख़ान 9 दिनों में 22 एफआईआर दर्ज की गईं थीं. 12 जुलाई से 20 जुलाई के बीच रामपुर के अज़ीम नगर पुलिस स्टेशन में ये सभी केस दर्ज किए गए थे.आज़म ख़ान पर रामपुर रियासतकालीन क्लब से क़ीमती मूर्तियों और किताबों को चुराने का भी मामला दर्ज है. कहा जाता है कि एसपी सरकार के कार्यकाल में क्लब से शेरों की मूर्तियां और दूसरी महंगी चीज़ें ग़ायब हुईं थीं. इस मामले में रामपुर के थाना गंज में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मई 2022 में 27 माह तक जेल की सलाख़ों के पीछे ज़िंदगी गुज़ारने के बाद आज़म खान को रिहाई नसीब हुई.
Watch Live TV