Ph.D रिसर्चर ने अपने गाइड पर ही लगा दिया साहित्यिक चोरी का इल्जाम; HC पहुंचा मामला
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1223679

Ph.D रिसर्चर ने अपने गाइड पर ही लगा दिया साहित्यिक चोरी का इल्जाम; HC पहुंचा मामला

दिल्ली आईआईटी के पीएचडी शोधार्थी ने इल्जाम लगाया है कि उसके सह गाइड ने उसके रिसर्च प्रोपोजल का इस्तेमाल एक फेलोशिप लेने के लिए किया. मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है. 

 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Delhi) की एक समिति को एक पीएचडी रिसर्चर द्वारा अपने दो प्राध्यापकों के खिलाफ लगाए गए साहित्यिक चोरी के इल्जाम की जांच पूरी करने और इसकी रिपोर्ट सौंपने का हुक्म दिया है. न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने लगातार दो सेमेस्टर में असंतोषजनक प्रदर्शन की वजह से संस्थान से रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने के खिलाफ शोध छात्र की याचिका पर विचार कर रहे हैं. न्यायमूर्ति ने कहा कि मामले के तथ्य ‘काफी परेशान करने वाले’ हैं और उन्होंने इस मामले में विद्यार्थी शिकायत निवारण समिति की रिपोर्ट भी तलब की और इस स्तर पर कोई अंतरिम फैसला देने से इनकार कर दिया.

छात्र के शोध प्रस्ताव का प्रयोग खुद के फेलोशिप के लिए किया 
याचिकाकर्ता ने इल्जाम लगाया कि उसकी सह-गाइड ने उसके दो शोध प्रस्तावों का इस्तेमाल खुद 10.80 लाख रुपये के लोकसभा प्रायोजित फेलोशिप पाने के लिए किया. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि जब उन्होंने साहित्यिक चोरी का मुद्दा उनके सामने उठाया तो उनका रवैया बदल गया, जिसकी वजह से उनकी शिकायतें छात्र शिकायत निवारण समिति, संस्थान स्तर की साहित्यिक चोरी समिति के साथ-साथ प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग में की गई. 

19 जुलाई को फिर होगी मामले की सुनवाई 
आईआईटी, दिल्ली के वकील ने रजमंदी जताई है कि साहित्यिक चोरी का मुद्दा बहुत संगीन है और याचिकाकर्ता के इल्जाम को संस्थान द्वारा संजीदगी से लिया गया है. उन्होंने सूचित किया कि संस्थान स्तरीय साहित्यिक चोरी समिति याचिकाकर्ता की शिकायत पर विचार करेगी. वकील ने कहा कि शिकायत पर कोई भी कार्रवाई समिति की रिपोर्ट पर निर्भर करेगी. अदालत ने याचिका पर नोटिस भी जारी किया और संस्थान को अपना जवाब दाखिल करने के लिए वक्त दिया है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है.

Zee Salaam

Trending news