अतीक़-अशरफ़ की हत्या पर छलका पसमांदा समाज का दर्द: AIMPM ने अखिलेश पर लगाए गंभीर आरोप
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अतीक़-अशरफ़ की हत्या पर छलका पसमांदा समाज का दर्द: AIMPM ने अखिलेश पर लगाए गंभीर आरोप

AIMPM: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि मुसलमानों का हमदर्द बनने का नाटक करने वाले अखिलेश यादव ने पसमांदा समाज को हिस्सेदारी के नाम पर जीरो रखा. उन्होंने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाया 

अतीक़-अशरफ़ की हत्या पर छलका पसमांदा समाज का दर्द: AIMPM ने अखिलेश पर लगाए गंभीर आरोप

All India Muslim Pasmanda Mahaz: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद वसीम राइन का एक बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने कहा कि देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने पसमांदा समाज के बारे में सोचा है. उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा कि आजादी के बाद से किसी भी पार्टी ने पसमांदा मुसलमानों की बात नहीं की और न ही उनकी भलाई के लिए कोई काम किए. प्रदेश अध्यक्ष वसीम राइन ने इशारों-इशारों में इल्जाम लगाया कि अखिलेश यादव ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया. 

अखिलेश यादव पर साधा निशाना
AIMPM के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि मुसलमानों का हमदर्द बनने का नाटक करने वाले अखिलेश यादव ने पसमांदा समाज को हिस्सेदारी के नाम पर जीरो रखा. उन्होंने बातों-बातों में अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने कभी भी मुसलमानों का भला नहीं सोचा, हमेशा उन्हें इस्तेमाल किया. उन्होंने पसमांदा समाज के मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वह समाजवादी को वोट देने से पहले एक बार जरूर सोचें कि कैसे चालाकी से उन्होंने सिर्फ हमारे वोटों को हासिल किया और मुसलमानों की भलाई के बारे में कुछ नहीं सोचा.

SP ने पसमांदा समाज के लिए नहीं सोचा
उन्होंने कहा, ऐसे में मुस्लिमों को सोचना चाहिये कि अखिलेश कैसे उनके हमदर्द हैं. निकाय चुनाव हो या फिर 2024 का लोकसभा चुनाव, मुसलमान इस बात का बदला अखिलेश यादव से लेंगे. उन्होंने अतीक-अशरफ की हत्या के लिए अखिलेश यादव को घेरते हुए कहा कि अतीक का संबंध पसमांदा समाज से था, जिस पर एसपी ने कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को यादवों की पार्टी माना जाता है, जबकि सपा ने MY के नाम पर पसमांदा समाज के मुस्लिमों के वोट का केवल इस्तेमाल किया. कभी हमारे समाज के लिये सपा ने कोई काम नहीं किया. समाजवादी पार्टी ने हमें न ही पार्टी संगठन में जगह दी और न ही सरकार में रहते हुए कोई ओहदा दिया. ऐसे में जो भी पार्टी उन्हें हिस्सेदारी देगी, वह वहां वोट करेंगे.

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