पैंथर्स पार्टी के संस्थापक भीम सिंह का निधन; उनके बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप ?
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1203507

पैंथर्स पार्टी के संस्थापक भीम सिंह का निधन; उनके बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप ?

मोटरसाइकिल पर दुनिया भर के 130 से ज्यादा देशों की यात्रा करने वाले दिग्गज नेता भीम सिंह, यासर अराफात, फिदेल कास्त्रो, सद्दाम हुसैन और लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी जैसों से था पक्का याराना.

प्रोफेसर भीम सिंह

जम्मूः जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक (Panthers Party founder) और साबिक विधायक प्रोफेसर भीम सिंह ( Professor Bhim Singh) का मंगलवार को जम्मू में निधन हो गया. 81 वर्षीय भीम सिंह करीब एक महीने से बीमार थे. सिंह ने यहां जीएमसी अस्पताल में आखिरी सांस ली. सिंह उधमपुर जिले के भुगटेरियन गांव के निवासी थे. उनके परिवार में पत्नी जय माला और लंदन में रह रहा बेटा अंकित लव है. मोटरसाइकिल पर दुनिया भर के 130 से ज्यादा देशों की यात्रा करने वाले दिग्गज नेता, फिलिस्तीनी नेता यासर अराफात, क्यूबा के क्रांतिकारी फिदेल कास्त्रो, इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी जैसे दिग्गजों के दोस्त थे. 
प्रोफेसर भीम सिंह (Professor Bhim Singh) के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के सभी बड़े नेताओं ने शोक जताया है.  

लंदन विश्वविद्यालय से की थी कानून की पढ़ाई 
अक्टूबर 1982 में अपनी पैंथर्स पार्टी शुरू करने से पहले, सिंह ने पार्टी की जम्मू और कश्मीर युवा इकाई के अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय महासचिव तक कांग्रेस में कई प्रमुख पदों पर काम किया. उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से कानून का अध्ययन किया था. वह 1971 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन यूनियन के सचिव चुने जाने वाले पहले भारतीय थे.

4 साल बाद जीती थी हारी हुई बाजी  
सिंह, जिन्होंने 1988 में उधमपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए थे. बेईमानी का इल्जाम लगाते हुए, वह भारत के चुनाव आयोग के खिलाफ भूख हड़ताल पर चले गए. चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उनकी समीक्षा याचिका के जवाब में, जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने चार साल बाद उनके पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन तब तक, संसद का सत्र पहले ही भंग हो चुका था. सुप्रीम कोर्ट ने 1985 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य के रूप में उनके निलंबन के बाद तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा सिंह को उनके अवैध कारावास के लिए 50,000 रुपये का मुआवजा दिया था.

कैदियों की रिहाई के लिए करते थे मदद 
2002 के विधानसभा चुनावों में, उनकी जम्मू और कश्मीर पैंथर्स पार्टी ने चार सीटें जीतीं और मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार में गठबंधन सहयोगी बन गईं. सिंह ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के 200 से ज्यादा लोगों को कानूनी सहायता भी प्रदान की थी, जो देश भर की विभिन्न जेलों में दशकों से बंद थे. उनकी मदद ने इनमें से अधिकांश कैदियों की रिहाई देखी. 

Zee Salaam

Trending news