भारत-चीन बॉर्डर विवाद पर दोनों देशों की हुई बात, इन मुद्दों पर दोनों हुए राजी
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भारत-चीन बॉर्डर विवाद पर दोनों देशों की हुई बात, इन मुद्दों पर दोनों हुए राजी

भारत-चीन के दरमियान बातचीत में भारत की कयादत लेह-मुख्यालय वाली 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली ने किया, जबकि चीनी दल की कयादत दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया.

भारत-चीन बॉर्डर विवाद पर दोनों देशों की हुई बात, इन मुद्दों पर दोनों हुए राजी

भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद के बाकी मुद्दों को जल्दी से हल करने पर राजी हुए. दोनों पक्षों की तरफ से दो दिवसीय सैन्य वार्ता खत्म होने के एक दिन बाद मंगलवार को एक साझा बयान में यह जानकारी दी गई. इसमें कहा गया, “दोनों पक्षों ने पश्चिमी इलाके में एलएसी पर बाकी मुद्दों के हल पर पॉजिटिव, रचनात्मक और गहन बातचीत की.” भारत-चीन कोर कमांडर-स्तरीय बैठक के 19वें दौर के बाद जारी बयान में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बाकी पहलुओं पर सैनिकों की वापसी में किसी तरह की जल्दी वापसी का सिग्नल नहीं मिला है. यह पहली बार था कि लंबे वक्त से चल रहे सरहदी तनाजा पर हाई लेवर सैन्य वार्ता दो दिन तक चली. मामले के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि दो दिनों के दौरान कुल करीब 17 घंटे चर्चा हुई. 

ब्रिक्स से एक हफ्ता पहले हुए बातचीत

वार्ता 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित की गयी थी. बातचीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहानिसबर्ग की यात्रा से एक हफ्ते पहले हुई है. यात्रा के दौरान वहां उनका चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से आमना-सामना होगा. नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, “नेतृत्व की तरफ से दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप, उन्होंने खुले और दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया.” इसमें कहा गया, “दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर बाकी मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई. नेतृत्व की तरफ से दिए गए रास्ते के हिसाब से, उन्होंने खुले तरीके से बातचीत की.” 

बातचीत की रफ्तार बनी रहेगी

बयान में कहा गया, “वे बाकी मुद्दों को जल्दी से हल करने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के जरिए से बातचीत की रफ्तार बनाए रखने पर राजी हुए.” यह पता चला है कि भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को हल करने के लिए पुरजोर दबाव डाला. अप्रैल में 18वें दौर की सैन्य बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि “दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के जरिए से बातचीत बनाए रखने और बाकी मुद्दों का जल्द से जल्द हल निकालने पर राजी हुए.” सरकार पूर्वी लद्दाख को पश्चिमी सेक्टर के तौर पर संदर्भित करती है. 

कई इलाकों से हुई सैनिकों की वापसी

भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कुछ बिंदुओं पर तीन साल से ज्यादा वक्त से टकराव की हालत में हैं, हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य बातचीत के बाद कई इलाकों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है. 

 

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