सुलगते मणिपुर के लिए क्या कर रही केंद्र सरकार? कांग्रेस बोली- BJP की नफरत है जिम्मेदार
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1681341

सुलगते मणिपुर के लिए क्या कर रही केंद्र सरकार? कांग्रेस बोली- BJP की नफरत है जिम्मेदार

Manipur Violence: मणिपुर में हुई हिंसा पर केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है, क्या गृह मंत्री या फिर मंत्रालय की तरफ से मणिपुर को राहत पहुंचाने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं? इन सभी सवालों के जवाब पढ़िए. 

सुलगते मणिपुर के लिए क्या कर रही केंद्र सरकार? कांग्रेस बोली- BJP की नफरत है जिम्मेदार

Manipur Violence: मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बीच गुरुवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्शन में हैं और ताबड़तोड़ मीटिंगें कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि  केन्द्र सरकार मणिपुर के हालात पर पर करीब से नजर रख रही है और आसपास के राज्यों से अर्द्धसैनिक बल भेजे जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय अफसरों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मीटिंगें कर हालात का जायजा लिया. 

सूत्रों के मुताबिक, शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से फोन पर बात की. मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद हालात को कंट्रोल करने के लिए गुरुवार को राज्य सरकार ने 'गंभीर स्थिति' में देखते ही गोली मारने का हुक्म जारी किया. गुरुवार सुबह शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिन्होंने गृह मंत्री को राज्य में मौजूदा हालात और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए दो वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठकें भी कीं, जिसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख, केंद्रीय गृह सचिव और केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ को तैनात किया गया है. हिंसा की वजह से 9,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं. 

बता दें कि नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जिसने रात में और गंभीर रूप ले लिया. राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी.

ZEE SALAAM LIVE TV

Trending news