Kathua Rape Case: 'मोहब्बत की दुकान' में नफरत; आसिफा के गुनाहगारों के समर्थक को कांग्रेस ने दिया टिकट
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Kathua Rape Case: 'मोहब्बत की दुकान' में नफरत; आसिफा के गुनाहगारों के समर्थक को कांग्रेस ने दिया टिकट

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के 5 साल बाद विधानसभा इलेक्शन हो रहे हैं. इस इलेक्शन कांग्रेस ने एक ऐसे नेता को उम्मीदवार बनाया है, जिस पर कठुआ की आसिफा के गुनाहगारों को समर्थन देने का आरोप है.

Kathua Rape Case: 'मोहब्बत की दुकान' में नफरत; आसिफा के गुनाहगारों के समर्थक को कांग्रेस ने दिया  टिकट

Jammu Kashmir Election 2024: कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए 19 और कांडिडेट्स के नामों का ऐलान किया है. इस लिस्ट में एक बेहद ही चौंकाने वाला नाम शामिल हैं. कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद और मंत्री लाल सिंह को बसोहली विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है, जिन्होंने कठुआ बलात्कार के आरोपियों के समर्थन में तिरंगा रैली निकाली थी. वैसे यह पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस ने किसी पूर्व बीजेपी नेता को टिकट दिया हो, लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने लाल सिंह को टिकट दिया था. आइए जानते हैं कौन हैं लाल सिंह जिन पर रेप के आरोपियों का साथ देने का आरोप लगा है.

क्या है पूरा मामला
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मुस्लिम बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए थे. यह घटना ऐसी थी कि जिसने भी सुना उसकी रूह कांप गई. यह घटना सामने आने के बाद जम्मू-कश्मीर समेत पूरा देश रो पड़ा. आम आदमी से लेकर बॉलीवुड सुपरस्टार तक, हर कोई लड़की को न्याय दिलाने के लिए आगे आया था. स्थानीय लोगों ने इस मामले में जिन लोगों के नाम सामने आए थे, उनके समर्थन में तिरंगा मार्च निकाला था, जिसकी अगुवाई तत्कालीन वन मंत्री और बीजेपी नेता लाल सिंह ने की थी. 

तिरंगा यात्रा की की थी अगुआई
इतना ही नहीं आरोपियों के पक्ष में सिर्फ तिरंगा यात्रा की अगुआई ही नहीं की, बल्कि दरिदों के पक्ष में बयान भी दिया था. जिसके बाद पूरे देश में बवाल हो गया था. भारी बवाल के बाद मंत्री को इस्तीफा भी देना पड़ा था. अब कांग्रेस ने लाल सिंह को टिकट दिया है, तो मुस्लिम नेता कांग्रेस ने नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर जमकर कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं.

गुलाम नबी आजाद की पार्टी  ने की आलोचना
साल 2019 लोकसभा इलेक्शन से पहले लाल सिंह कांग्रेस में शामिल हुए थे, तब गुलाम नबी आजाद की पार्टी समेत जम्मू-कश्मीर की तमाम पार्टियां और मुस्लिम धर्मगुरु कांग्रेस की आलोचना की थी. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) पार्टी ने कहा था कि कठुआ में 8 साल की आसिफा के बलात्कारियों का समर्थन करने वाले लाल सिंह का स्वागत करना राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए बेहद शर्मनाक है. लाल सिंह अपने इलाके में काफी अहम नेता माने जाते हैं.

कौन हैं चौधरी लाल सिंह
चौधरी लाल सिंह जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में जम्मू-कश्मीर के वन और पर्यावरण मंत्री थे. वह डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के संस्थापक चीफ भी थे. चौधरी लाल सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन एक छात्र नेता के रूप में शुरू किया था. 1996 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में वह बशोली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए. 2002 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में वह एक बार फिर विधायक चुने गए.

कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन सरकार में वह स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में शामिल थे. इसके बाद 2004 में 14वीं लोकसभा में वह उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए. 2009 में 15वीं लोकसभा में वह फिर से संसद पहुंचे चुके हैं. साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए. फिर पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री बने, लेकिन साल 2019 के लोकसभा इलेक्शन में हार गए और 2024 लोकसभा इलेक्शन के वक्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

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