BJP will impress Muslim voters with the help of Ulema: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा पार्टी और मुस्लिम समुदाय के बीच की खाई को पाटने के लिए देश के 15 शहरों और 100 से ज्यादा जिलों में सूफी और उलेमा सम्मेलन आयोजित कर मुसलमानों से अपना संवाद कायम करेगी.
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नई दिल्लीः आमतौर पर मुस्लिम वोटों से परहेज कर हिंदू वोटों के सहारे राजनीति करने वाली पार्टी भाजपा अब मुस्लिम वोटों के लिए भी हाथ-पांव मारती नजर आ रही है. पिछले कुछ माह से मुस्लिम ओबीसी वर्ग पर डोरे डालने के बाद भाजपा अब आम मुसलमानों के बीच भी अपनी पैठ जमाने की भरपूर कोशिश कर कर रही है. मुस्लिम समुदाय को भरोसे में लाने की इस कोशिश के तहत भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा देश के प्रमुख शहरों और जिलों में सूफी और उलेमा सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है. पर्टी ने देश में भाजपा और मुस्लिम समुदाय के बीच की दूरी को पाटने के लिए मुस्लिम आबादी वाले देश के लगभग 100 लोकसभा क्षेत्रों में इस तरह के सम्मेलनों का आयोजन करेगी. पार्टी ने मौलाना सुहैब कासमी को इस कार्यक्रम के लिए अपना समन्वयक नियुक्त किया है.
मोदी सरकार के विकास को बताना है पार्टी का लक्ष्य
संयोजक मौलाना सुहैब कासमी ने कहा, “अल्पसंख्यक मोर्चा आने वाले दिनों में मुल्क के 100 लोकसभा क्षेत्रों और प्रमुख शहरों में उलेमा और सूफी सम्मेलन का आयोजन करेगा, जिसके जरिए मुस्लिम समुदाय के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों से इस समाज को रूबरू कराया जाएगा. इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय और भाजपा के बीच संवाद शुरू किया जाएगा.’’ कासमी ने कहा कि हम भाजपा और मुसलमानों के बीच की खाई को पाटने की की कोशिश कर रहे हैं. ये सम्मेलन मुल्क के 15 बड़े शहरों और 100 जिलों में होंगे, जिनमें देशभक्ति और शांति का संदेश देने की कोशिश की जाएगी.
मोदी दे चुके हैं अल्पसंख्यकों तक पहुंचने का निर्देश
गौरतलब है कि इससे पहले 17 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं से बिना वोट की उम्मीद किए मुसलमानों समेत दूसरे अल्पसंख्यकों तक पहुंचने और उनसे संवाद बढ़ाने की अपील की थी. इसके अलावा हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी नेताओं द्वारा मुसलमानों पर किए जा रहे हमले के खिलाफ बोलते हुए पार्टी के सभी नेताओं को किसी भी समुदाय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी से बचने का आदेश दिया था. इससे पहले पिछले साल भाजपा के हैदराबाद बैठक में प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुसलमानों के पिछड़े वर्ग तक अपनी पहुंच और पैठ बढ़ाने की अपील की थी, जिसके बाद बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी के सहयोग से पिछड़े मुसलमानों की कई बैठकें भी आयोजित की गई थी.
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