भारत और पाकिस्तान के बंटवारे से पीड़ित 105 वर्षीय हाजरा बीबी मक्का के काबा में हज के दौरान मिली अपनी भतीजी हनीफा से. पाकिस्तानी यूट्यूबर नासिर ढिल्लन ने इस बुआ- भतीजी की मुआलाकत को बनाया मुमकिन..
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1947 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे को आज 75 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज भी लोगों के दिलों में वो जख्म ताज़ा हैं. उस बंटवारे में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई और लाखों परिवार हमेशा के लिए अपने घर और अपनों से बिछड़ गए. उस वक्त हजारों की तादाद में लोग अपना घर बार, रिश्ते-नाते छोड़ कर भारत से पाकिस्तान की तरफ या पाकिस्तान से भारत की तरफ चले गये थे. उन कई लाखों परिवारों में से एक ऐसा ही परिवार आजादी के 75 साल बाद सऊदी अरब के मक्का में एक बार फिर एक दूसरे से मिला और ऐसा एक पाकिस्तानी यू-ट्यूबर की मदद से मुमकिन हो सका.
यह कहानी है पाकिस्तान में रह रही 105 वर्षीय हाजरा बीबी और भारत के पंजाब के गुरदासपुर में रह रही उनकी छोटी बहन के परिवार की.
बंटवारे के दौरान भारत के पंजाब से पाकिस्तान चली गई हाजरा बीवी बीते करीब 17 महीने से गुरदासपुर में रह रहे अपने परिवार से मिलने की कोशिश कर रहीं थी. करीब डेढ़ साल पहले ही दोनों परिवारों की पहली बार फोन पर बात हुई. अब आख़िरकार बीते 16 नवंबर को हज यात्रा के दौरान हाजिरा ने अपनी बहन की बेटी हनीफा से मुलाकात कर ली. फोन पर बातचीत के दौरान हनीफा ने अपनी मौसी को बताया था कि उनकी मां का इंतकाल हो चुका है, और छोटी बहन की मौत से हाजरा को काफी झटका भी लगा और तब से ही दोनों आपस में मिलने की कोशिश कर रहीं थी.
करतारपुर कॉरिडोर से मिलने के कई प्रयास
पाकिस्तानी यूट्यूबर नासिर ढिल्लन ने हनीफा और हजरा बीबी की मुलाकात को मुमकिन बनाया. इस काम में अमेरिका में रह रहे सिख पॉल सिंह गिल ने उनकी मदद की. पहले दोनों में करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से मिलने का प्रयास किया. यह कॉरिडोर पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब और गुरदासपुर के गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक साहिब के बीच बनाया गया है, मगर पर्मिशन न मिलने के कारण वे मिलने में असफल रहे. इन बिछड़े परिवारों ने पंजाब के कपूरथला में रहने वाली हनीफा ने भी अपनी मौसी हाजरा बीबी से मिलने के लिए पाकिस्तानी सरकार से वीजा के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था. पिछले साल जून में हाजरा बीबी ने पहली बार हनीफा को वीडियो कॉल किया था और कॉल के दौरान उसने अपनी छोटी बहन मजीदा से मिलने के लिए कहा, लेकिन पता चला कि उसकी कुछ समय पहले मौत हो चुकी है.
सब हुए भावुक
दोनों परिवारों की मुलाकात नाकाम होने के बाद नासिर ढिल्लन ने मक्का में दोनों की मुलाकात का प्लान बनाया और इस काम में पॉल सिंह गिल ने उनकी मदद की. दोनों ने अपने-अपने देश से मक्का में हज यात्रा के लिए आवेदन दिया. नासिर इस मुलाकात को कैमरे में कैद करने के लिए मक्का पहुंचे और इस मुलाकात का संवाद वीडियो के रूप में अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किया , जिसमें दोनों बुआ-भतीजी के बीच हुए दिलचस्प और भावनात्मक संवाद देखने को मिला. इस खास मुलाकात ने बंहनों को छोड़ने, दुख और खुशी के अनुभव को साझा करने का एक नया मौका प्रदान किया. नासिर के वीडियो ने सोशल मीडिया पर भी धमाल मचा दिया है. इस विडियो ने एक बार फिर लोगों को इस दर्दनाक बंटवारे की यादें ताज़ा कर दी है.