Atala Masjid Dispute: अटाला मस्जिद को लेकर आज हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां पहले मंदिर हुआ करता था. आइये जानते हैं पूरी डिटेल
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Atala Masjid: अयोध्या, काशी, मथुरा, संभल और अब जौनपुर की मस्जिद विवादों में आ गई है. जौनपुर की अटाला मस्जिद का विवाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में आज सुनवाई होनी है. स्वराज वाहिनी एसोसिएशन का दावा है कि इस मस्जिद की जगह पहले मंदिर हुआ करता था. इस मामले में आज एसोसिएशन अपना जवाब दाखिल करने वाला है.
याचिका में मस्जिद को मंदिर बताकर वहां पूजा-अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग की गई है. अब कोर्ट को यह तय करना है कि दाखिल की गई पिटीशन की सुनवाई हो सकती है या नहीं. यानी अदालत को मुकदमे की पोषणीयता पर फैसला सुनाना है.
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन (एसवीए) के प्रतिनिधि संतोष कुमार मिश्रा ने जौनपुर की सिविल कोर्ट में मामला दायर किया गया है. इसमें 14वीं सदी में बनी इस मस्जिद को अटाला देवी मंदिर होने का दावा किया गया है. इसके साथ ही मांग की गई है कि इसमें सनातन धर्म अनुयायियों को पूजा करने का अधिकार दिया जाए.
हिंदू पक्ष का कहना है कि यह प्रोपर्टी 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र के जरिए बनाई गई थी और यह अटाला देवी का मंदिर है. पिटीशन में कहा गया है कि फिरोज़ तुगलक के वक्त में मंदिर को तोड़ दिया गया और यहां मस्जिद को तामीर किया गया.
संतोष कुमार मिश्रा की याचिका को स्थानीय अदालत और जिला न्यायालय ने मई के महीने में आदेश जारी करते हुए सुनवाई के काबिल माना था. इस फैसले के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद कोर्ट कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
इस मामले को लेकर मस्जिद कमेटी का कहना है कि हिंदू पक्ष का मुकदमा कानूनी तौर पर गलत है. मस्जिद कमेटी का कहना है कि यह प्रोपर्टी हमेशा से एक मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल होती आई है. 1398 में इसके निर्माण के बाद से मुस्लिम समुदाय यहां हमेशा से नमाज पढ़ता आया है.