पाक की गिरती अर्थव्यवस्था, इस्लामाबाद एयरपोर्ट को लेकर ये बड़ा फैसला लेने पर मजबूर सरकार
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पाक की गिरती अर्थव्यवस्था, इस्लामाबाद एयरपोर्ट को लेकर ये बड़ा फैसला लेने पर मजबूर सरकार

Islamabad Airport: पाकिस्तान ने आर्थिक संकट के बीच इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर बड़ा फैसला लिया है. मंत्री ने कहा कि इससे राष्ट्रीय खजाने को लाभ होगा, और परिचालन में सुधार होगा.

 

पाक की गिरती अर्थव्यवस्था, इस्लामाबाद एयरपोर्ट को लेकर ये बड़ा फैसला लेने पर मजबूर सरकार

Pakistan News: पाकिस्तान में भारी मुद्रास्फीति और घटते विदेशी मुद्रा भंडार के साथ भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसी बीच, पाकिस्तान के विमानन मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने बड़ा फैसला लेते हुए नेशनल असेंबली में कहा कि इस्लामाबाद हवाई अड्डे को अपनी 'परिचालन गतिविधियों' में सुधार के लिए 15 साल के लिए आउटसोर्स किया जाएगा.

हालांकि विमानन मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि यह फैसला निजीकरण के बराबर नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य "हवाई अड्डे के संचालन को बढ़ाने के लिए कुशल ऑपरेटरों को लाना है". उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि खुली बोली से सुनिश्चित की जाएगी, और जो सबसे ज्यदा बोली लगाएगा उसे हवाई अड्डे को संचालित करने का अवसर दिया जाएगा. मंत्री ने कहा  यह प्रक्रिया फायदेमंद होगी जिससे राष्ट्रीय खजाने को लाभ होगा.

प्रक्रिया पारदर्शी होगी- मंत्री ख्वाजा
मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने कहा, "इसमें इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन सलाहकार के रूप में काम करेगा और पहले से ही 12-13 कंपनियों ने इस बोली प्रक्रिया में भाग लेने में रुचि दिखाई है. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रक्रिया पारदर्शी होगी और सभी नियमों और विनियमों का पालन किया जाएगा. हालांकि, विमानन मंत्री ने कहा कि रनवे और नेविगेशन संचालन को आउटसोर्सिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा".

इन देशों से मिला है मदद 
यह कार्रवाई IMF द्वारा पाकिस्तान को उसके ऋण भुगतान में चूक से बचने के लिए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट को मंजूरी देने के कुछ सप्ताह बाद आई है. इसके अलावा, पाकिस्तान को IMF की राहत के अलावा अपने घटते भंडार को मजबूत करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात से  1 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सऊदी अरब से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता भी मिली है.

विश्लेषकों ने कहा
अत्यधिक मुद्रास्फीति और नियंत्रित आयात के एक महीने के लिए मुश्किल से पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार के साथ, पाकिस्तान दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि आईएमएफ समझौते के अभाव में ऋण डिफ़ॉल्ट में बढ़ सकता है.

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